न निलम्बन न बर्खास्तगी और न ही कोई सजा फिर भी रोक दिए गए है हजारों शिक्षकों का वेतन

रायपुर - नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा है की ना किसी का निलंबन ना ही किसी किसी की बर्खास्तगी और न है कोई सजा फिर भी विभिन्न वेतन जारी करने वाले डीडीओ ने प्रदेश के हजारों शिक्षकों का वेतन रोक दिया है जिसके कारण वेतन रुके हुए शिक्षकों के समक्ष भूखे रहने की नौबत आ गया है पदोन्नति मे पदस्थापना होने के बाद संशोधन के लिए हजारों शिक्षकों ने उचित माध्यम से संशोधन के लिए आवेदन लगाए थे जिस पर विचार कर शिक्षकों का पदोन्नति पदस्थापना के स्थान पर संशोधित स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने का आदेश दिया गया जिसके बाद हजारों शिक्षकों ने संशोधित शाला मे कार्यभार ग्रहण कर शिक्षकीय कार्य प्रारम्भ कर दिया लेकिन गड़बड़ी की संशोधन मे लेनदेन होने की जांच के बाद शिक्षकों को बिना किसी सुनवाई या पक्ष रखने का अवसर दिए बिना स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश पर चार सितंबर को एकतरफा कार्यमुक्त कर दिया गया जिसके कारण न्याय मांगने हजारों शिक्षक माननीय न्यायालय के समक्ष याचिका लगाए हुए है सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने शिक्षकों को स्थगन आदेश जारी किया जिसके बाद शासन ने एक और आदेश जारी कर कार्यमुक्त किये जगह, पदोन्नति मे पदस्थापना वाले जगह और पूर्व पद के जगह पर कार्यभार करने के लिए मना कर दिया जिसके कारण हजारों शिक्षकों को खाली अपने घर मे बैठना पड़ गया है और वेतन से भी वंचित होना पड़ गया है जिससे वेतन से वंचित शिक्षकों के समक्ष भयंकर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने प्रदेश के संवदेनशील मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी, शिक्षामंत्री माननीय रविन्द्र चौबे जी व विभागीय अधिकारियो से निवेदन करते हुए माँग किया है की जब तक माननीय न्यायालय का निर्णय ना आ जाए तब तक स्थगन प्राप्त शिक्षकों को पदोन्नति पश्चात् पदस्थापना वाले स्कूल या फिर पूर्व धारित पद पर कार्यभार करने के लिए आदेश जारी किया जाय जिससे हजारों शिक्षकों को वेतन का भुगतान हो सके व छोटे छोटे स्कूली विद्यार्थियों को शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई से वंचित न होना पड़े
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