नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व ज्योति सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया है कि प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने बयान जारी कर कहा है कि विगत कई वर्षों के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी द्वारा शिक्षा कर्मी भर्ती की परंपरा से हटकर नियमित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई।शुरुआत में इसकी सेवा शर्तों में दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि तथा उस पद की न्यूनतम वेतन की व्यवस्था शामिल की गई,इस नवीन शिक्षक भर्ती में पदोन्नति न हो पाने के कारण उच्च पद में जाने की चाह में छत्तीसगढ़ के हजारों शिक्षक LB संवर्ग के शिक्षक भी निम्न से उच्च पद पर चयनित हुवे,और विभागीय अनुमति एवं तकनीकि त्यागपत्र प्राप्त कर कार्यभार भी ग्रहण किये, ये सभी कर्मचारी भर्ती के पहले नियुक्ति की सभी शर्तो जैसे DED/ Bed एवं TET पास जैसी योग्यताओं को पूरा करके प्रतियोगी परीक्षा में मेरिट हासिल किया अर्थात ये अपनी योग्यताओं को बढ़ाकर प्रतियोगी परीक्षा पास कर उच्च पद पर चयनित हुवे,।इतनी जटिल चयन प्रक्रिया से गुजरकर चयनित होने के बावजूद तकनीकी त्यागपत्र वाले शिक्षकों को उनके पूर्व पद के वेतन से भी कम वेतन दिया जा रहा है जबकि वे विभाग में 10 से 15 साल से कार्यरत है,हद तो तब हो गई जब इनका वेतन इतना कम हो गया कि 2020 में संविलियन प्राप्त सहायक शिक्षक Lb ,{प्राप्त वेतन लगभग 29000)से भी कम हो गया ,इस प्रकार कम वेतन पाने से इनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति खराब हो गई है ,ये शिक्षक वर्ग अपने आप को ठगा और असहाय महसूस कर रहे है,
ये सभी शिक्षक निम्न से उच्च पद में ये सोच के आय थे कि उन्हें अपने पूर्व सेवाओं का लाभ मिलेगा,विभाग और सरकार हमारे साथ अन्याय नही करेगा, तकनीकी त्यागपत्र वाले कर्मचारियों को लाभ देने के लिए वित्त निर्देस 41/2018 आज भी स्टैंड है जिसमे इनकी वेतन संरक्षण, वेतन वृद्धि देने,एलपीसी और सेवापुस्तिका हस्तांतरण,अवकाश हस्तांतरण ,आदि लाभ का स्पस्ट उल्लेख भी है फिर भी इनको 3 वर्ष की परिवीक्षा पर रखकर मात्र 70% वेतन स्टाइपेंड ही दिया जा रहा है जिससे इनका वेतन पुराने पद के वेतन से लगभग दस हजार कम प्राप्त हो रहा है जिससे ये इतना मायूस हो गए है कि अपने पूर्व पद में वापस जाना चाहते है,कर्मचारी इतिहास की यह पहली घटना होगी कि कोई कर्मचारि वर्ग उच्च से निम्न पद में वापिस आना चाहते है,ताकि उनका पूर्व पद से प्रमोशन हो जाय और पूरा वेतन प्राप्त हो
उमा जाटव,गिरीश साहू,अमितेश तिवारी,गंगा शरण पासी,रूपेंद्र सिन्हा,संजय साहू,अजय कड़व ने आगे कहा कि तकनीकी त्यागपत्र प्राप्त शिक्षकों द्वारा DPI और शिक्षा सचिव को अपनी वेतन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए प्रार्थना पत्र भी दिए हैं और जिसे वित्त सचिव को निर्णय हेतु भेज दिया गया है लेकिन दो दिन पहले डीपीआई द्वारा सभी सयुंक्त संचालक संभागीय शिक्षा को पत्र जारी करते हुए दिशा निर्देश देकर शासन स्तर पर निर्णय नही होने तक इस सबंध में कोई कार्यवाही नही करने की बात कहकर इस मामले को अधर में लटकाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रकाश चंद कांगे,बलविंदर कौर,नंदिनी देशमुख,चंद्रशेखर रात्रे,ब्रिज नारायण मिश्रा ने कहा कि भर्ती को एक वर्ष गुजर जाने पर भी शासन स्तर से कोई निराकरण नही हो पाने के कारण ये सभी हताश और निराश है जबकि पंचायत शिक्षक को निम्न से उच्च पद के वेतन का लाभ दिया गया है तो संविलियन बाद नियमित शासकीय सेवक हुए कर्मचारियो को तकनीकी त्यागपत्र के बाद निम्न से उच्च पद का वेतन नही देना दुर्भाग्य पूर्ण है दुर्गा साहू,तीरथ मार्कण्डेय,मनीष साहू सहित
तकनीकी त्यागपात्र सभी शिक्षकों की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि यथाशीघ्र इनकी वेतन संबंधी समस्याओं का समाधान हेतु इन्हें स्यायपेड मुक्त वेतनअर्थात 100%वेतन देने संबंधी आदेश दिलवाने का कष्ट करें ताकि छत्तीसगढ़ के युवा शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय न हो
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