शिक्षा मे गुणवत्ता के लिए मे विसंगति से युक्त युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का पुरे प्रदेश मे एकजुटता के साथ विरोध किया जायेगा
दुर्ग -छत्तीसगढ़ सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा एक बार फिर से युक्तियुक्तकरण की नीति लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। यह वही नीति है, जिसे पिछले वर्ष प्रदेश भर के शिक्षक संगठनों के भारी विरोध के चलते वापस ले लिया गया था। उस समय राज्य सरकार ने नवीन शिक्षक सहित अन्य शैक्षिक संगठनों को स्पष्ट आश्वासन दिया था कि भविष्य में इस प्रकार के निर्णय सभी संबंधित संगठनों से परामर्श लेकर ही लिए जाएंगे।
लेकिन अब एक बार फिर से बिना किसी शैक्षिक संगठनों से परामर्श या सुझाव के शिक्षा सत्र के अंत में उसी रद्द हो चुके नियम को थोपा जा रहा है। इस निर्णय को लेकर नवीन शिक्षक संघ छ. ग.ने तीखी नाराजगी जतायी है। प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा है कि पिछले दिनों राज्य शासन को युक्तियुक्तकरण को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया था। बावजूद सरकार अपनी हठधर्मिता अपना रही है,2008 सेटअप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने युक्तियुक्तकरण को शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाला और गैर-जिम्मेदाराना करार दिया है। महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष उमा जाटव, गंगा शरण पासी बलविंदर कौर ने कहा कि इस फैसले से प्रदेश की शिक्षा प्रणाली चौपट हो जाएगी प्रदेश सचिव गिरीश साहू, ब्रिज नारायण मिश्रा, प्रकाश चंद कांगे, अजय कड़व राजेश शुक्ला ने कहा है कि 2008 के सेटअप में छेड़छाड़ शिक्षा व्यवस्था के लिए आत्मघाती कदम होगा। नवीन शिक्षक संघ के पदाधिकारीयो साफ कहा है कि पदोन्नति की प्रक्रिया पूर्ण किये बगैर युक्तियुक्तकरण करना बेहद ही अव्यवाहरिक कदम है।
प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत का कहना है कि प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक एवं शिक्षक वर्गों की पदोन्नति कई वर्षों से लंबित है, जिसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। यदि युक्तियुक्तकरण इससे पहले किया गया तो शिक्षकों को बड़ा नुकसान होगा और इससे आक्रोश फैलना स्वाभाविक है।
नवीन शिक्षक संघ ने यह भी मांग की है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया 2008 स्वीकृत सेटअप और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुरूप ही की जाए। वित्त विभाग द्वारा स्वीकृत पदों और उसी आधार पर हुई नियुक्तियों को नजरअंदाज कर अगर प्रक्रिया की जाती है, तो बड़ी संख्या में शिक्षक अतिशेष (Surplus) की श्रेणी में आ जाएंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नवीन शिक्षक संघ द्वारा इस मुद्दे को लेकर पिछले वर्ष मुख्यमंत्री एवं शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा गया है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनोज चंद्र दुष्यन्त कुम्भकार सतीश टंडन शंकर लाल भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षकों पर अन्याय किया गया, तो संघ सड़कों पर उतरने से पीछे नहीं हटेगा। इस अन्यायपूर्ण कदम का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा इस संबंध मे जल्दी ही सभी शैक्षिक संगठनों से चर्चा कर पूरी एकजुटता के साथ विसंगति पूर्ण युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का विरोध किया जायेगा
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