Saturday, October 30, 2021

ट्विटर व फेसबुक में चला अभियान महंगाई भत्ता है हमारा अधिकार सरकारी कर्मचारियों पर भी दो ध्यान

 रायपुर- नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत द्वारा ट्वीटर व फेसबुक जैसे प्रमुख व प्रभावशाली सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अभियान चलाकर मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यसचिव को ज्ञापन देकर राज्य में कार्यरत 4लाख सरकारी कर्मचारियों व सेवानिवृत्त हो चुके पेंशनरों को केंद्र सरकार की तरह ही कर्मचारी हित मे निर्णय लेकर बढ़ते हुए महंगाई के दौर में केंद्रीय कर्मचारियों के समान 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता व गृह भत्ता का पुनर्निर्धारण कर छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवे वेतनमान में निर्धारण कर जुलाई 2021 से भुगतान करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर घोषणा करने की मांग किया है विकास सिंह राजपूत ने आगे कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों व परिवार के सदस्य बीमार पड़ जाते है तो अपने व अपने परिवार के पीड़ित सदस्य के इलाज के लिए अस्पताल में देने हेतु भारी भरकम राशि की व्यवस्था करने में ही अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही किसी भी तरह इलाज के लिए राशि की व्यवस्था हो जाने के बाद पीड़ित कर्मचारी या परिवार के सदस्य ठीक होकर वापस अस्पताल से घर आने के बाद मेडिकल बिल की राशि विभाग से वापस मांगने पर विभागीय कर्मचारियो के लगातार चक्कर लगाने व अत्यधिक परेशानी के बाद मेडिकल बिल विभाग द्वारा स्वीकृत कर भुगतान प्रक्रिया सम्पन्न हो पाता है इस दौरान पीड़ित कर्मचारियो को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता इसलिए सरकारी कर्मचारियों को अपने इलाज के लिए ही विभागीय चक्रव्यूह से निपटने में भारी मसक्कत करने में जूझते रहते है इस परेशानी से सरकारी कर्मचारियों को निजात तभी मिल सकता है जब राज्य सरकार प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों का इलाज निजी व सरकारी अस्पताल में केसलेस इलाज की निर्णय लेंगे कर्मचारियो की परेशानी को देखते हुए नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ द्वारा लगातार राज्य शासन के समक्ष केसलेस इलाज की मांग को प्रमुखता से रखते आ रहे है।

Friday, October 29, 2021

बेमेतरा व अंतागढ़ विधायक से मुलाकात कर वेतन विसंगति दूर करने ,महंगाई भत्ता प्रदान करने की मांग नवीन शिक्षक संघ का बेहतर प्रयास


रायपुर- नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व ज्योति सक्सेना ने जानकारी दिया है कि महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष उमा जाटव व उपाध्यक्ष बलविंदर कौर के नेतृत्व में बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा व अंतागढ़ विधायक अनूप नाग से मुलाकात कर  मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर देय समयमान वेतनमान के आधार पर पूर्व सेवा अवधि की गणना कर वेतन निर्धारण कर वेतन विसंगति दूर करने, केंद्रीय कर्मचारियों के समान प्रदेश के शासकीय कर्मचारियो व पेंशनरों को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने,सातवां वेतनमान के आधार पर राज्य कर्मचारियों को गृह भत्ता प्रदान करने, शासकीय कर्मचारियो का मान्यता प्राप्त निजी व सरकारी अस्पताल में केसलेस इलाज करने व कोरोना काल मे शासन के आदेश पर कोरोना रोकथाम कार्य मे संलग्न सभी कर्मचारियों को विशेष अवकाश स्वीकृत करने मांग को प्रमुखता से रखा है।प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने राज्य सरकार के मुखिया से अपील किया है कि प्रदेश में कार्यरत शिक्षक एलबी संवर्ग को पूर्व सेवा अवधि की गणना कर देय समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन का निर्धारण कर संविलियन पश्चात वेतन भुगतान करने व सभी शिक्षक एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति तिथि से दो वर्ष पश्चात प्रति वर्ष का एक वार्षिक वेतनवृद्धि वेटेज लाभ देने से ही वेतन विसंगति को दूर किया जा सकता है साथ ही शासकीय कर्मचारियो व पेंशनरों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान 31प्रतिशत महंगाई भत्ता राज्योत्सव में दीपावली पूर्व एरियर्स सहित भुगतान करने का आदेश जारी करना चाहिए।

Tuesday, October 26, 2021

मुख्यमंत्री,स्वास्थ्य मंत्री व मुख्य सचिव को सौपा ज्ञापन महंगाई भत्ते व सातवां वेतनमान के आधार पर गृह भत्ते देने की मांग

 

रायपुर- नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार,ज्योति सक्सेना ने जानकारी दिया है कि प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री जी व स्वास्थ्य मंत्री जी छ. ग.शासन को व प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ ने मुख्य सचिव छ. ग.शासन को ज्ञापन की प्रति ईमेल के माध्यम से भेजकर प्रदेश के पौने चार लाख कर्मचारियों की मांग को छत्तीसगढ़ सरकार तक प्रमुखता से रखा,प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रिज नारायण मिश्रा,रूपेंद्र सिन्हा,प्रकाश चंद कांगे,सतीस टण्डन,अमित नामदेव,बलविंदर कौर ने कहा है कि केंद्र व राजस्थान सरकार अपने अधीनस्थ केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है वही उत्तरप्रदेश,उत्तराखंड,बिहार,उड़ीसा,पंजाब,हिमांचल प्रदेश,हरियाणा,असम सहित कई राज्य सरकार भी 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता अपने राज्य कर्मचारियों को दे रहे है तो छत्तीसगढ़ सरकार को भी राज्य स्थापना दिवस पर राज्य कर्मचारियो को 31 प्रतिशत महंगाई भत्ते देने का एलान कर जुलाई 2021 से देने का निर्णय लेना चाहिए,प्रदेश महामंत्री चन्द्र शेखर रात्रे,मनोज चंद्रा,अजय कड़व,रोशन मंसूरे,गंगा शरण पासी ने केंद्रीय कर्मचारियों के समान ही छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवे वेतनमान के आधार पर राज्य कर्मचारियों के गृह भत्ते की भी निर्धारण करने की मांग राज्य सरकार से किया है,प्रदेश सचिव गिरीश साहू,नंदिनी देशमुख,कोषाध्यक्ष अमितेश तिवारी ने आगे छत्तीसगढ़ राज्य सरकार से अपनी मांग रखते हुए कहा है कि राज्य के कर्मचारी या परिवार के सदस्य जब बीमार पड़ते है तो अस्पताल में भर्ती होने के पहले राशि जमा करने के लिए इधर उधर हाथ पैर मारते है तब अस्पताल में जमा करने योग्य राशि एकत्रित कर पाते है उसके बाद ठीक होने पर भी विभाग के कई चक्कर लगाने के बाद दो से तीन वर्षों में अपने या अपने परिवार के सदस्य के इलाज में खर्च किये राशि 70प्रतिशत ही मिल पाते है इसलिये कर्मचारी या परिवार के सदस्य बीमार होने पर आर्थिक व मानसिक परेशानी से निजात दिलाने हेतु केसलेस इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग व वित्त विभाग को मिलकर नियम बनाकर कर्मचारी हित मे जल्दी ही निर्णय लेना चाहिए,प्रदेश संयुक्त सचिव राजेश शुक्ला, देवकांत सिन्हा व संजय साहू ने मांग किया है कि राज्य कर्मचारियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियो के परेशानी को देखते हुए केंद्र के समान महंगाई भत्ता राज्य के पेंशनरों को भी तत्काल प्रदान किया जाना चाहिए। जिलाध्यक्ष संजीव मानिकपुरी,अनुभव तिवारी,वेदप्रकाश साहू,अमीन बंजारे,छन्नूलाल साहू,रमन शर्मा,हरिकांत अग्निहोत्री,,नरेश चौहान,नरेश गुप्ता सहित अन्य पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से अपील किया है कि नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ की मांग पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर जल्दी ही चारो बिन्दुओ पर राज्य स्थापना दिवस एक नवम्बर को  निर्णय लेकर चार लाख सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते सहित अन्य महत्वपूर्ण मांगो को पूर्ण किया जाना चाहिए जिससे प्रदेश के शासकीय कर्मचारियो को सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने की आवश्यकता ही न पड़े।

Saturday, October 23, 2021

शासकीय कर्मचारियों व पेंशनरों को केंद्र के समान 31% महंगाई भत्ता देने की मांग नवीन शिक्षक संघ ने उठाई आवाज


रायपुर- नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमधा  के माध्यम से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी व मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ के नाम ज्ञापन सौंपकर व कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांघी जी को ट्विटर के माध्यम से  प्रदेश में कार्यरत समस्त शासकीय कर्मचारियों एव पेंशनरों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान 31% महंगाई भत्ता, छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवां वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता(एच. आर.) का निर्धारण करने व प्रदेश के समस्त शासकीय कर्मचारियों का राज्य शासन द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल व शासकीय अस्पताल में केसलेस उपचार की व्यवस्था करने हेतु जल्दी ही आदेश जारी करने की मांग को प्रमुखता से रखा है।

प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा है कि प्रदेश के राज्य शासन के कर्मचारी व पेंशनर अभी वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ते नही पा रहे है साथ ही गृह भत्ता भी केंद्रीय कर्मचारियों की तरह सातवां वेतनमान में निर्धारण कर राज्य कर्मचारियों को छ. ग. शासन द्वारा नही दिया जा रहा है आगे चर्चा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा कि कोई भी शासकीय कर्मचारी जब बीमार पड़ने के बाद निजी या शासकीय अस्पताल में इलाज करवाने के बाद स्वस्थ होने पर अपने इलाज में खर्च हुए राशि की वापसी हेतु अपने विभाग के कई चक्कर लगाने के बाद भी समय मे विभाग द्वारा खर्च हुए राशि को वापसी नही करने से कर्मचारियों को भारी मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है इसलिए नवीन शिक्षक संघ द्वारा केसलेस इलाज की मांग को लगातार शासन प्रशासन के समक्ष रखते आ रहे देर सबेर में मांग पूरी होने की आस में,

नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ द्वारा राज्य सरकार से लगातार निवेदन व मांग पत्र के माध्यम से केंद्रीय कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता देने की मांग को किया जा रहा है राज्य सरकार को जल्दी ही राज्य के शासकीय कर्मचारियों के हित मे निर्णय लेना चाहिए

Thursday, October 21, 2021

शिक्षको को किया जा रहा है जानबूझकर कर परेशान,त्रुटिपूर्ण अध्यापन व्यवस्था को निरस्त करने की मांग नही तो होगा विरोध प्रदर्शन


धमधा- नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ जिला दुर्ग के अध्यक्ष संजीव मानिकपुरी व ब्लॉक अध्यक्ष संजय शर्मा ने जानकारी दिया है कि दुर्ग जिलाशिक्षाधिकारी के आदेश के बाद बीईओ धमधा द्वारा अध्यापन व्यवस्था कर शिक्षको को एकतरफा कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर संकुल प्रभारी,संकुल समन्वयक ,प्रधान पाठकों व शिक्षको के महत्व को कम कर दिया गया वही अध्यापन व्यवस्था करते समय विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा नियमो की अनदेखी कर कई शिक्षको को अध्यापन व्यवस्था के नाम पर मानसिक रूप से परेशान करने का भी प्रयास प्रतीत होता है क्योंकि एक ही शिक्षक का लगातार कुछ वर्षों से अध्यापन व्यवस्था के नाम मूल शाला से दूर अन्य दूसरे स्कूलो पर भेजा जा रहा है,प्रदेश पदाधिकारी गिरीश साहू,अमितेश तिवारी व दुष्यंत कुम्भकार ने आगे कहा कि अध्यापन व्यवस्था करते समय संकुल प्रभारी,संकुल समन्वयक व प्रधान पाठकों से अभिमत भी नही लिया जा रहा है और कार्यालय में बैठे-बैठे बिना किसी जानकारी के आदेश जारी किए जा रहे है जिससे प्रभावित स्कूलो में पढ़ाई व्यवस्था ठप हो सकता है,विभागीय अधिकारी कर्मचारियों द्वारा कनिष्ठ व वरिष्ठता का भी ध्यान नही रखा जा रहा है , जिला सचिव बी.प्रकाश व ब्लॉक सचिव प्रदीप राजपूत ने बताया कि एक संकुल से दूसरे संकुल के स्कूलो में शिक्षको का अध्यपन व्यवस्था किया जा रहा है जो कि उचित नही है  शिक्षको का आवश्यकता पड़ने पर संकुल के अंतर्गत स्कूलो में अध्यपन व्यवस्था किया जा सकता है,दिनेश अहीर,प्रताप भारती व सुनील बोरकर ने कहा कि अध्यपन व्यवस्था करते समय शिक्षको से भी सहमति लिया जाना चाहिए और एक ही शिक्षक का लगातार अध्यपन व्यवस्था दूसरे स्कूलो में नही करना चाहिए,नवीन शिक्षक संघ धमधा ने त्रुटिपूर्ण अध्यापन व्यवस्था सूची निरस्त करने की मांग को प्रमुखता से रखा है और कहा है कि सूची निरस्त नही होने पर नवीन शिक्षक संघ विरोध प्रदर्शन करने बाध्य होगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी सम्बंधित विभाग की होगी।

बीईओ धमधा ने दो दिनों में समाधान निकालने की बात कही है और कहा कि एकतरफा कार्यभार ग्रहण करने के लिए किसी भी शिक्षको के ऊपर दबाव नही डाला जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने अध्यापन व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए कहा कि नया भर्ती होने के बाद भी एकल या दो  शिक्षकीय स्कूल  रहना हास्यस्पद बात है साथ ही कई शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलो में आज भी अतिशेष शिक्षको की भरमार है इसके बाद भी जहां शिक्षक अतिशेष के दायरे में नही है वहां से शिक्षको का अध्यापन व्यवस्था करना  कुछ शिक्षको को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का प्रयास है। नवीन 

नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ ने राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग से मांग किया है कि प्रदेश के सभी जिलों में किये गए अध्यपन व्यवस्था को निरस्त कर स्कूलो में बच्चो की दर्ज संख्या के आधार पर एकल व दो शिक्षकीय स्कूलो में अतिशेष शिक्षको का अध्यापन व्यवस्था किया जाना चाहिए साथ ही नए शिक्षक भर्ती कर रिक्त पदों की पूर्ति किया जाना चाहिए।