Tuesday, December 14, 2021

सरकार शिक्षको को डराने के बजाय मांग पूर्ति करने में तेजी दिखाए-विकास सिंह राजपूत


रायपुर- नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने लोक शिक्षण संचालनालय के 14 दिसम्बर को जारी सभी डीईओ के पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार शिक्षको को डराने के बजाय आंदोलनरत शिक्षको की मांग पूर्ति में तेजी दिखाए, आगे बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा कि प्रदेश के लाखों सहायक शिक्षक वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर विगत चार दिनों से स्कूल छोड़कर सड़क पर बैठे हुए है,स्कूलो में बच्चो की पढ़ाई व्यवस्थापूर्ण रूप से ढप है इसकी जिम्मेदारी किसी की है तो सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगों की है क्योंकि पिछले चुनाव के पहले अपने जन घोषणा पत्र के माध्यम से सत्ता-धारी दल ने प्रदेश के सहायक शिक्षको को भरोसा दिलाया था कि अगर हम सत्ता में आते है तो सहायक शिक्षको की वेतन विसंगति को दूर किया जाएगा साथ ही माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी चुनाव पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर रहते हुए बयान जारी किया गया था कि सहायक शिक्षको के साथ धोखा हुआ है जब माननीय मुख्यमंत्री जी चुनावपूर्व सहायक शिक्षको के साथ पूर्ण रूप से खड़े हुए थे अब सत्ता में आने के बाद तीन वर्ष गुजर जाने के बाद भी सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति दूर नही हुआ है और तीन वर्षों से सहायक शिक्षक ईमानदारी के साथ भीषण कोरोना काल मे भी विद्यार्थियों को अपने जान पर खेलकर पढ़ाई से जोड़े रखे व सरकार के टीकाकरण सहित अन्य कार्य को सफलतापूर्वक संचालित किए व वेतन विसंगति दूर होने का धैर्य से इंतजार किये जब सरकार ने सहायक शिक्षको के आवेदन,निवेदन व अनुग्रह पर कोई ध्यान नही दिए तब सहायक शिक्षको के द्वारा किये जा रहे आंदोलन को जायज कहा जा सकता है,प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने आगे कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सड़क पर उतरकर आंदोलन नही करना चाहता लेकिन सरकार के वादा-खिलाफी से अपने हक व अधिकार के लिए संघर्ष का रास्ता चुनता है,

नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता है कि आंदोलनरत शिक्षको के ऊपर कार्यवाही करने के स्थान पर जल्दी ही वेतन विसंगति दूर करने के लिए निर्देश जारी कर सहृदयता का परिचय दे जिससे प्रदेश के समस्त सहायक शिक्षक सड़क को छोड़कर अपने प्यारे-प्यारे विद्यार्थियों को पुनः कर्तव्य निष्ठा के साथ पढ़ाने स्कूल जा सके।

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