Sunday, April 26, 2020

ऑनलाइन पढ़ाई के स्थान पर जुलाई से स्कूल में पढ़ाई का दिया सुझाव,मोबाइल का उपयोग छोटे-छोटे बच्चो के लिए नुकसानदायक-नवीन शिक्षक संघ छ. ग.

नवीन शिक्षक संघ छःत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत,जिलाध्यक्ष दुर्ग संजीव मानिकपुरी व ब्लॉक अध्यक्ष पाटन जागेश्वर चन्द्राकर ने नवीन न्यूज से चर्चा करते हुए राज्य शासन के महत्वपूर्ण योजना के लिए ऑनलाइन पढ़ाई के स्थान पर कोरोना वाइरस का प्रभाव जून के अंतिम सप्ताह के बाद भी जारी रहा तो प्रतिदिन एक कक्षा के बच्चों को स्कूल में पढ़ाई कराने का सुझाव देते हुए कहा कि पढाई तुंहर दुआर के अंतर्गत पूरे राज्य में बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्रेरित करने की सरकार की योजना है।राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को वर्चुअल क्लास बनाने के निर्देश दिए जा चुके है।शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक बच्चे का मोबाइल नंबर लेकर ऑनलाइन ग्रुप से उनको जोड़ा जाए ताकि बच्चे ऑनलाइन पढाई कर सकें।शिक्षकों को प्रतिदिन निर्धारित समय सारिणी के अनुसार वीडियो के माध्यम से पढाना है जिसमे बच्चे ऑनलाइन रहकर पढ़ सके,प्रश्न पूछ सके।साथ ही शिक्षक ऑनलाइन गृहकार्य देकर उनकी जांच भी करेंगे।लेकिन यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।सरकारी स्कूलों में पढनेवाले अधिकांश बच्चों के पालको के पास स्मार्टफोन नही है और अगर कुछ लोगों के पास है भी तो नेटवर्क की समस्या है।अधिकतर बच्चे ग्रामीण परिवार से है जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।ऐसे में स्मार्टफोन खरीदना एवं उसको रिचार्ज कराना भी आसान नही है।गांव में नेटवर्क की समस्या भी है।इसके अतिरिक्त ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों के ऊपर गंभीर दुष्प्रभाव से इंकार नही किया जा सकता।छोटे बच्चों को स्मार्टफोन का उपयोग करने पर उनकी आँख में कमजोरी,मस्तिष्क एवं याददाश्त पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है,ऑनलाइन पढ़ाई करने के बहाने बहुत से बच्चे अब ऑनलाइन गेम खेलना प्रारम्भ कर दिए जिसका नुकसान आने वाले समय मे भयावह होगा।वैसे भी अभी गर्मी की छुट्टियों के दिन है।अतः कम से कम जून तक ऑनलाइन पढाई को बंद करना चाहिए।अगर लॉक डाउन जुलाई के बाद भी जारी रहा तो प्रतिदिन केवल 1 कक्षा को बुलाकर सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करते हुए अलग अलग कक्ष में दूर दूर बिठाकर पढ़ाया जा सकता है क्योकि वर्तमान समय मे प्रदेश के अधिकांश स्कूलो में तीन से पांच कक्ष है साथ ही अधिकांश स्कूलो में तीन से पांच शिक्षक है अगर प्रतिदिन एक क्लास के बच्चों को कोरोना संक्रमण के रहने की संभावना में स्कूल में बुलाकर पढ़ाई करवाने से सोशल डिस्टेंस का पालन करना प्रत्येक बच्चे सीखेंगे भी व ऑनलाइन पढ़ाने से बेहतर स्कूल में पढ़ाई से बच्चो को ज्यादा फायदा होगा।साथ ही बच्चों को अविलंब निःशुल्क पुस्तको का वितरण कराया जाये।ताकि बच्चे घर में रहकर भी पढाई से जुड़े रहें।

4 comments:

  1. बिल्कुल सहीं बात है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ाई के साथ जोड़ना बहुत ही दुश्कर कार्य होता है। चूंकि परिवार की आर्थिक स्थिति आमतौर पर ठीक नहीं रहती इसलिए बच्चों को भी माता पिता के साथ कार्य करने के लिए जाना पड़ता है फिर चाहे वो खेती किसानी का काम हो या मजदूरी का। और जो बच्चे काम काज में हाथ नहीं बटाते वे गलत संगत में पड़कर बांटी,भौरा आदि खेलते हैं और आवारागर्दी करते रहते हैं। इन बच्चों को स्कूल तक लाने में शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।और तो और परीक्षा के दिन भी इन्हें लेने जाना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में घर बैठे समय समय पर ऑनलाइन कक्षाओं में इनके शामिल होने के बारे में सोच भी नहीं सकते है। यदि इन्हें स्मार्ट फोन उपलब्ध करा दिया जाता है तो भी ये गन्दे और अश्लील वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं और अपने साथ साथ अन्य बच्चों को भी इसकी लत लगा सकते हैं एवं अपने भविष्य को बरबाद कर सकते हैं। वैसे भी अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय है और
    यदि स्कूल खुलने में देरी भी हो जाती है तो एक्सट्रा क्लास लगाकर कोर्स कम्प्लीट की जा सकती है।

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  2. बिल्कुल सहीं बात है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को पढ़ाई के साथ जोड़ना बहुत ही दुश्कर कार्य होता है। चूंकि परिवार की आर्थिक स्थिति आमतौर पर ठीक नहीं रहती इसलिए बच्चों को भी माता पिता के साथ कार्य करने के लिए जाना पड़ता है फिर चाहे वो खेती किसानी का काम हो या मजदूरी का। और जो बच्चे काम काज में हाथ नहीं बटाते वे गलत संगत में पड़कर बांटी,भौरा आदि खेलते हैं और आवारागर्दी करते रहते हैं। इन बच्चों को स्कूल तक लाने में शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।और तो और परीक्षा के दिन भी इन्हें लेने जाना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में घर बैठे समय समय पर ऑनलाइन कक्षाओं में इनके शामिल होने के बारे में सोच भी नहीं सकते है। यदि इन्हें स्मार्ट फोन उपलब्ध करा दिया जाता है तो भी ये गन्दे और अश्लील वेबसाइट तक पहुंच सकते हैं और अपने साथ साथ अन्य बच्चों को भी इसकी लत लगा सकते हैं एवं अपने भविष्य को बरबाद कर सकते हैं। वैसे भी अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय है और
    यदि स्कूल खुलने में देरी भी हो जाती है तो एक्सट्रा क्लास लगाकर कोर्स कम्प्लीट की जा सकती है।

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  3. बहुत सही विचार है.. हम समर्थन करते है l

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