Tuesday, July 6, 2021

अनुकम्पा नियुक्ति के नाम पर लिए 35000 रुपये लेने वालों व वेतन भुगतान के लिए बोकरा पार्टी मांगने वालों को निलम्बन के बजाय बर्खास्त कर देना चाहिए-विकास सिंह राजपूत

 अनुकम्पा नियुक्ति के नाम पर लिए 35000 रुपये लेने वालों व वेतन भुगतान के लिए बोकरा पार्टी मांगने वालों को निलम्बन के बजाय बर्खास्त कर देना चाहिए-विकास सिंह राजपूत


बालोद- दुर्ग संभाग के बालोद जिला के जिला शिक्षाधिकारी आर.एल.ठाकुर,महेंद्र कुमार चन्द्राकर लेखपाल व शिक्षक जितेंद्र देशमुख द्वारा दिवंगत कर्मचारी के आश्रित परिजन की मजबूरी का फायदा उठाते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने के एवज में 35000 रुपये की अवैधानिक पारितोषिक प्राप्त करने  की शिकायत पर प्राम्भिक जांच में सही पाए जाने पर स्कूल शिक्षा विभाग छ. ग.शासन द्वारा निलंबित किये जाने की कार्यवाही किया गया है,

इस सबन्ध में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा है कि दिवंगत शासकीय कर्मचारियों के आश्रित परिजन के मजबूरी की फायदा उठाने  वाले अधिकारी और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्यवाही करने के बजाय सीधे -सीधे नौकरी से बर्खास्त कर देना चाहिए,दिवंगत कर्मचारी के आश्रित परिजन वैसे ही अपने परिवार के मुखिया को खो देने के बाद मानसिक परेशानी से गुजरते है इसकी कल्पना नही किया जा सकता ,जो परेशान है उसे और परेशान करने वाकई चंद नोटो के लिए अपने ईमान का सौदा करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की कार्यवाही जरूरी है प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने आगे कहा कि अभी वर्तमान में एक और प्रकरण बलौदाबाजार जिला के बया स्कूल के एक शिक्षिका को जानबूझकर आठ महीने का वेतन बोकरा पार्टी नही देने के कारण भुगतान नही किया गया था  ,बोकरा पार्टी वाले प्रकरण पर भी निष्पक्ष जांच कर सम्बंधित लिपिक के साथ-साथ जो भी अधिकारी कर्मचारी महिला शिक्षका को प्रताड़ित करने में संलग्न है ऐसे सभी अधिकारी कर्मचारी को निलंबन करने के स्थान पर बर्खास्त करने से ही भोले-भाले कर्तव्यपरायण ईमानदारी के पर्याय शिक्षक संवर्ग को राहत मिल सकता है अन्यथा निलम्बन की कार्यवाही अवैधानिक रूप से पारितोषिक व बोकरा पार्टी मांगने वालों के लिए वरदान ही साबित होता है क्योंकि कुछ दिनों बाद सभी पूर्ण वेतन के साथ बहाल हो जाएंगे।नवीन शिक्षक संघ छ. ग.राज्य सरकार से निवेदन करता है कि जो भी अधिकारी कर्मचारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से रिश्वत लेते हुए पकड़े जाए व विभागीय जांच में सही पाए जाने पर ऐसे रिश्वतखोर अधिकारी कर्मचारियों को निलंबन करने के स्थान पर सीधे-सीधे बर्खास्त कर देना चाहिए जिससे आने वाले समय मे भ्रष्ट्राचार मुक्त प्रशासन की माननीय प्रधानमंत्री जी व माननीय मुख्यमंत्री जी की सपना साकार हो सके।

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