दुर्ग- नवीन शिक्षक संघ छ.ग.दुर्ग जिला अध्यक्ष संजीव मानिकपुरी,नंदिनी देशमुख,सचिव बी.प्रकाश,सिद्दार्थ भुवाल,ब्लॉक अध्यक्ष धमधा संजय शर्मा,सुनील स्वर्णकार,धनेश नेताम के नेतृत्व मे सयुंक्त संचालक शिक्षा दुर्ग सम्भाग से मिलकर उनके द्वारा किचन गार्डन के नाम से हिर्री,जोगीगुफा,चीचा सहित आठ स्कूलो के प्रधान पाठक व शिक्षको के वार्षिक वेतन वृध्दि रोकने की कार्यवाही का विरोध करते हुए हुई कार्यवाही को निरस्त करने की मांग को प्रमुखता से रखा,नवीन शिक्षक संघ के जिला पदाधिकारी व ब्लॉक पदाधिकारी ने सयुंक्त संचालक शिक्षा दुर्ग सम्भाग से चर्चा करते हुए किचन गार्डन के नाम से शासन द्वारा कोई फंड और राशि जारी नही किया गया है उसके बाद भी बिना राशि व संसाधन के शिक्षको द्वारा किचन गार्डन अपने-अपने स्कूलो मे बनाने का प्रयास कर रहे ऐसे समय मे शिक्षको के ऊपर कार्यवाही करने के स्थान पर शिक्षको को प्रोत्साहित करना चाहिए,कार्यवाही करने से अच्छे कार्य करने वाले शिक्षको का मनोबल कमजोर होता है,नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश पदाधिकारी गिरीश साहू व दुष्यंत कुम्भकार ने स्पष्ट कहा है की किचन गार्डन के नाम से शिक्षको पर एकतरफा कार्यवाही बिना शिक्षको के पक्ष जाने का नवीन शिक्षक संघ विरोध करता है और इस एकतरफा कार्यवाही को निरस्त नही किया जाता है तो नवीन शिक्षक संघ जिला दुर्ग आंदोलन के लिए बाध्य होगा स्कूल बन्द होने से पढ़ाई व्यवस्था चौपट होने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी,नवीन शिक्षक संघ पढ़ाई व्यवस्था बाधित नही करना चाहता है लेकिन शिक्षको के साथ अन्याय होने पर स्कूल बन्द कर आंदोलन से पीछे भी नही हटेगा ।सत्या बेलचंदन,वर्षा तैलंग,गोदावरी अंगारे,नीतू हरमुख व पिंकी श्रीवास्तव ने कहा है की कार्यवाही के पहले शिक्षको न तो पक्ष जानने का प्रयास किया गया और नही कोई नोटिस जारी किया सीधे एकतरफा वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना अनुचित है,और ऐसे एकतरफा कार्यवाही का हम सब शिक्षक विरोध करते है और शिक्षको पर हुई कार्यवाही को निरस्त नही किया जायेगा तो हम अपनी बात शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर जिला प्रशासन से न्याय की मांग करेंगे,नवीन शिक्षक संघ के इस प्रतिनिधि मण्डल मे प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत भी शामिल रहे और शिक्षको के साथ अधिकारियों द्वारा किये गये कार्यवाही को जल्दी ही निरस्त करने के लिए कहा,जिससे स्कूलो मे ईमानदारी से पढ़ाई व्यवस्था संचालित कर रहे शिक्षको हताश व निराश न होना पड़े,

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