रायपुर-नवीन शिक्षक संघ छ. ग. के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने बयान जारी कर कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में नाम मात्र कहने को स्थानांतरण में रोक लगी है लेकिन हकीकत में प्रशासनिक व स्वैच्छिक के नाम पर टुकड़े-टुकड़े में सूची जारी कर आज भी स्थानांतरण में हो रहा है खेला जबकि बस्तर,सरगुजा,जशपुर ,बलरामपुर,
सुकमा,दंतेवाड़ा,नारायणपुर,बीजापुर,सूरजपुर जैसे दूर-दराज जिलो में अपने गृह जिले से लगभग 10वर्षो से सुदूर ग्रामीण अंचलों के स्कूलों में सेवा दे रहे हजारो शिक्षक स्थानांतरण में रोक हटने का इंतजार कर रहे है,नवीन शिक्षक सहित स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षको द्वारा स्थानांतरण की मांग किया जाता है तो विभागीय अधिकारियों द्वारा दो टूक कहा जाता है कि अभी वर्तमान में स्थानांतरण में रोक लगी हुई शासन द्वारा रोक हटाने पर स्थानांतरण प्रक्रिया प्रारम्भ किया जाएगा ,शिक्षा विभाग में स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षको से आवेदन लेने से मना भी किया जाता है लेकिन 0 6 अक्टूबर 2020 को चार शिक्षको, 01 जनवरी 2021 को तीन शिक्षको, 09 मार्च 2021 को छ: शिक्षको व वर्तमान में 19 मई 2021 को एक मात्र शिक्षक का पिछले दरवाजे से स्थानांतरण प्रशासनिक व स्वैच्छिक के नाम से किया गया है इन सभी सूची के साथ 30 मार्च 2021 को एक ऐसा सूची भी 21 शिक्षको के नाम से जारी हुआ था जिसे नवीन शिक्षक संघ के द्वारा सवाल उठाने पर उस सूची को ही विभाग द्वारा फर्जी बता दिया गया,
नवीन शिक्षक संघ छ. ग.के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत सहित हजारो शिक्षको ने शिक्षा विभाग से सवाल किया है कि जब स्थानांतरण में शासन द्वारा रोक लगाया गया है तो टुकड़े-टुकड़े में प्रशासनिक व स्वैच्छिक स्थानांतरण क्यों किया जा रहा है, क्या स्थानांतरण में रोक हटाकर वर्षो से अपने परिवार व गृह जिले से कई किलो मीटर दूर सेवा दे रहे शिक्षको का स्थानांतरण प्रक्रिया प्रारम्भ नही किया जा सकता,टुकड़े-टुकड़े में स्थानांतरण सूची जारी कर कुछ लोगो को उपकृत करने के स्थान पर स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षको का स्वयं के व्यय से स्थानांतरण क्यो नही किया जा सकता,
नवीन शिक्षक संघ छ. ग.के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने टुकड़े-टुकड़े में पिछले दरवाजे से स्थानांतरण सूची जारी करने के बजाय स्थानांतरण नीति में लगी रोक को तत्काल हटाकर खुली स्थानांतरण नीति लागू कर वर्षो से अपने परिवार व गृह जिले से दूर शिक्षको का स्थानांतरण जून-जुलाई तक करने की मांग राज्य सरकार व शिक्षा विभाग से किया है जिससे वर्षो से अपने परिवार से दूर शिक्षको के साथ न्याय हो सके।










