रायपुर- नवीन शिक्षक संघ छ. ग.के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने बयान जारी कर कहा है कि राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूली शिक्षा व्यवस्था संचालन हेतु जारी सेटअप में कही न कही खामी नजर आ रहा जिसमे प्रमुख खामी है शिक्षको की पद सरंचना प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थियों के संख्या के अनुसार निर्धारित किया गया है,स्कूलो में विद्यार्थियों के संख्या के अनुसार शिक्षको की संख्या निर्धारित करने से प्राथमिक विद्यालय में सभी कक्षा के लिए शिक्षको की कमी बना रहेगा ठीक उसी प्रकार माध्यमिक से लेकर हायर सेकेंडरी विद्यालय में भी प्रत्येक विषय व संकाय के अनुसार शिक्षक नही होने से विद्यार्थियों के पढ़ाई में बुरा असर पड़ना स्वाभाविक है इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग राज्य शासन छ. ग. को अपने जारी सेटअप पर पुनर्विचार कर प्राथमिक शाला के लिए प्रधान पाठक सहित प्रत्येक कक्षा हेतु एक शिक्षक व माध्यमिक से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूलो में प्रति विषय एक शिक्षक होने से विद्यार्थियों को अपने संकाय अनुसार प्रति विषय विशेषज्ञ शिक्षक होने से पढाई में व्यापक लाभ मिल सकता है प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने आगे कहा कि नित नये-नये प्रयोग से शिक्षा में सुधार नही हो रहा है इसलिए नवीन शिक्षक संघ के इस सुझाव पर एक बार प्रयोग करके स्कूल शिक्षा विभाग को देखना चाहिए प्रति कक्षा व विषय शिक्षक होने से स्कूलो में पढ़ाई व्यवस्था में व्यापक सुधार होगा साथ ही साथ स्कूली विद्यार्थियों को भी शिक्षा ग्रहण करने में लाभ होगा विद्यार्थी हित में जल्दी ही नवीन शिक्षक संघ द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को सुझाव प्रेषित किया जाएगा।

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ReplyDelete*प्रायमरी मे ""5 कक्षा,5 शिक्षक"" अनिवार्य किया जाए*
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*तभी पूर्णरूप से प्राथमिक शिक्षा स्तर में सुधार आएगा,1 प्रधान पाठक 2 शिक्षक का फार्मूला सही नहीं है,*
*एक शिक्षक दिन भर विभिन्न डाक और कई प्रकार के पंजी संधारण में लगा रहता है,और आए दिन विभिन्न प्रकार के मीटिंग अटेंड करने मे लगा रहता है*
*और प्रायमरी के ही अधिकतर शिक्षक BLO का काम करते हैं जो साल में दो बार 1-1 महीने का होता है,*
*अब आप ही विचार कीजिए कि 3 शिक्षक 5 कक्षा को कैसे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दे पाएगा, इसलिए ""5 कक्षा 5 शिक्षक"" का फार्मूला तय किया जाएं और मांग रखा जाए, यहां 80 बच्चों को ध्यान रखकर सेटअप तैयार किया गया है लेकिन 5 कक्षाओं को ध्यान नहीं रखा गया।
दर्ज संख्या 120 से अधिक के लिए 4 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 150 से अधिक के लिए 5 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 200 से अधिक के लिए 7 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 250 से अधिक के लिए 9 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 300 से अधिक के लिए
12 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
*सभी संघो से आग्रह है इस पर चर्चा कर शासन-प्रशासन तक बात रखी जाएं*
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ReplyDelete*मिडिल में ""3 कक्षा,5 शिक्षक"" अनिवार्य किया जाए*
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*तभी पूर्णरूप से मिडिल शिक्षा स्तर में सुधार आएगा,1 प्रधान पाठक 2 शिक्षक का फार्मूला सही नहीं है,*
*एक शिक्षक दिन भर विभिन्न डाक और कई प्रकार के पंजी संधारण में लगा रहता है,और आए दिन विभिन्न प्रकार के मीटिंग अटेंड करने मे लगा रहता है*
*और प्रायमरी के ही अधिकतर शिक्षक BLO का काम करते हैं जो साल में दो बार 1-1 महीने का होता है,*
*अब आप ही विचार कीजिए कि 3 शिक्षक 3 कक्षा को कैसे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दे पाएगा, इसलिए ""3 कक्षा 5 शिक्षक"" का फार्मूला तय किया जाएं और मांग रखा जाए, यहां 80 बच्चों को ध्यान रखकर सेटअप तैयार किया गया है लेकिन 3 कक्षाओं को ध्यान नहीं रखा गया।
दर्ज संख्या 120 से अधिक के लिए 5 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 150 से अधिक के लिए 6 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 200 से अधिक के लिए 8 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 250 से अधिक के लिए 10 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
दर्ज संख्या 300 से अधिक के लिए
12 शिक्षक व 1 प्रधान पाठक
*सभी संघो से आग्रह है इस पर चर्चा कर शासन-प्रशासन तक बात रखी जाएं*
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शिक्षा विभाग में आए दिन नया नया प्रयोग करना बंद करें राज्य सरकार । शिक्षको को किसी भी पाबंदी पर ना रखा जाएं ।नया सेट अप के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना करें । प्र इमली से लेकर हायर सेकेण्डरी तक के कक्षाओं में आवश्यकता के अनुरूप प्रत्येक विषय के शि शिक्षक की व्यवस्था की जाएं ना कि पद की कटौती । प्रत्येक संकाय के बच्चों को एक समान महत्व देते हुए उस विषय के शिक्षक की आवश्यकता होती है । अपने विषय के शिक्षकों को अपनी कक्षा में पाकर विद्यार्थी उन्मुक्त और आत्मीय भाव से शिक्षा ग्रहण करते हैं ।। हाईस्कूल में भी संस्कृत भाषा को खत्म करने की जो साजिश किया जा रहा है ,इस तरह के साजिश रचने से सरकार बाज आएं ।। शिक्षा की धारा को उन्मुक्त भाव से विद्यार्थियों के बीच बहने दिया जाए । किसी भी प्रकार की मेढ़ ना बांधा जाएं । वर्ना इसके दुरगामी परिणाम बहुत ही असंतोषजनक और निराशाजनक होगा ।हम शिक्षक संघ इस नया सेट अप रूपी साजिश का विरोध करते हैं ।। अभी तो केवल विनती के स्वर सरकार तक पहुंचाया जा रहा है । विनती स्वीकार ना करने या अनदेखा करने पर यही विनम्र स्वर कर्कश ध्वनि और विरोध में भी बदलने में देर ना लगेगी ।
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