Tuesday, May 13, 2025

शासकीय स्कूल शिक्षक के साथ भेदभाव आत्मानंद स्कूल व अथिति शिक्षकों पर मेहरबान शासकीय स्कूलो मे 60 बच्चो पर मात्र 2शिक्षक वही आत्मानंद स्कूलो मे 60 बच्चो पर पांच शिक्षक दुर्ग बालोद के बाद राजनांदगांव से भी उठी आवाज शिक्षा व्यवस्था को बचाना है तो युक्तियुक्तकरण मे संशोधन हो



राजनांदगांव - नवीन शिक्षक संघ के जिला ईकाई राजनांदगांव के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिला अध्यक्ष छन्नूलाल साहू के नेतृत्व में अपर कलेक्टर श्री शर्मा साहब के हाथों मुख्यमंत्री, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग और संचालक लोक शिक्षण संचालनालय  के नाम ज्ञापन सौपा। संघ ने युक्तियुक्तकरण नियम में संशोधन , विषय आधारित पदोन्नति और नियुक्ति के लिए राजपत्र प्रकाशन की मांग की। जिलाध्यक्ष छन्नूलाल साहू ने बताया कि युक्तियुक्तकरण से पहले विभाग को प्राचार्य, व्याख्याता, शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रधानपाठक पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक शालाओं के पदों पर पदोन्नति करनी चाहिए।  २००८ के सेटअप के अनुसार, प्राथमिक शालाओं में न्यूनतम दर्ज संख्या पर एक प्रधान पाठक और दो सहायक शिक्षक का पद स्वीकृत था परन्तु वर्तमान युक्तियुक्तकरण में प्राथमिक शालाओं में केवल दो शिक्षक जिसमें एक प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक का पद रखा है इसी प्रकार २००८ के सेटअप के अनुसार माध्यमिक शालाओं न्यूनतम छात्र संख्या पर एक प्रधानपाठक और चार शिक्षक स्वीकृत था, परन्तु वर्तमान में विभाग ने पूर्व माध्यमिक शालाओं में एक प्रधानपाठक और तीन शिक्षक का पद रखा है। यह व्यवस्था अव्यवहारिक है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० का पूर्णता पालन नहीं करती है। आत्मानंद शालाओं में प्रतिनियुक्त शिक्षकों और शालाओं पर नियम की प्रभाव शीलता पर भी सवाल उठाया है। एक ही परिसर में संचालित उच्चतर शालाओं निचली शालाओं को मर्ज करने से शिक्षण स्तर और नियंत्रण पर बुरा असर पड़ेगा। संघ ने इस दोषपूर्ण और अव्यवहारिक युक्तियुक्तकरण नियम में संशोधन करने की मांग की है। 

*प्राथमिक शालाओं में सिर्फ दो ही शिक्षक*

संघ के जिला सचिव अजय कड़व ने बताया कि, न्यूनतम दर्ज प्राथमिक शालाओं में सिर्फ दो शिक्षक जिसमें  एक प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक रखना छात्रों के भविष्य के लिए उचित नहीं है। प्राथमिक शाला के शिक्षकों पर लगातार डाक कार्य और गैर शैक्षणिक कार्यों की जिम्मेदारी डाली जाती है ऐसे में केवल दो शिक्षक पाँच कक्षाओं को कैसे पढ़ा पायेंगें। इससे प्राथमिक शालाओं के शिक्षण व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होंगी और प्रायवेट/अशासकीय शालाओं को लाभ होगा। नवीन शिक्षक संघ ने २००८ के सेटअप को यथावत रखकर मौजूदा युक्तियुक्तकरण नियम को संशोधित करने की मांग की है।

छन्नूलाल साहू ने कहा है कि, पूर्व में युक्तियुक्तकरण के समय  रिक्त पदों पर विकल्प विषय के शिक्षक पदस्थ किए गए थे। जैसे कला विषय का शिक्षक, गणित विषय / विज्ञाान विषय के रिक्त पद पर पदस्थ हो गए जिसके बाद में नियुक्त गणित शिक्षक अतिशेष हो गया। यह शिक्षक स्तर को गिराने वाला निर्णय है। ऐसे  विकल्प शिक्षकों को अतिशेष मना जाए। संघ ने मांग की है कि, रिक्त पदों की गणना शिक्षकों की सर्विस बुक में दर्ज विषय और नियुक्ति और पदोन्नति के विषय के आधार पर होनी चाहिए। सिर्फ प्रधानपाठक या शिक्षक के जानकारी के आधार पर गणना नहीं होनी चाहिए।     


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