गैर शैक्षणिक कार्यों पर रोक लगाकर शिक्षकों को अन्य कार्य के बदले सिर्फ पढ़ाने का अवसर दिया जाय तभी शिक्षा मे गुणवत्ता संभव है
रायपुर - नवीन शिक्षक संघ महिला प्रकोष्ठ के संगठन मंत्री डॉ गंगाशरण पासी ने कहा है की जिस स्कूल में दो सौ से भी कम बच्चे हैं वहां एक ही भाषा शिक्षक है जिसे नवमी से लेकर बारहवीं तक पढाना पडता है ऊपर से अन्य विषय भी पढाने दिया जाता है 200 से अधिक दर्ज़ संख्या स्कूल हैं वहां दो दो भाषा शिक्षक हैं ऐसी स्थिति में एक ही भाषा शिक्षक को दसवीं बारहवीं का लगभग डेढ़ सौ कापी जाचना पड़ता है और फिर पाठ्यक्रम अक्टूबर नवम्बर का भी पूर्ण कराने का दबाव रहता है ये कैसे हो पायेगा,शिक्षकों को पढ़ाने के आलावा विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों मे संलग्न कर दिया जाता है जिससे शिक्षक अपने कोर्स को पूरा नही कर पाते है जो शिक्षकों के मानसिक तनाव का कारण है । त्रैमासिक पेपर तो अपने अपने स्कूल में जांच करवाना चाहिए ek स्कूल से दूसरे स्कूल मे अदला बदली कर पेपर जाँचने से समय बस बर्बाद होता है ।
नवीन शिक्षक संघ की महिला प्रकोष्ठ प्रदेश संगठन मंत्री डा गंगा शरण पासी जी ने त्रैमासिक परीक्षा मूल्यांकन में स्कूल अदल बदल पर नाराज़गी जताई है और कहा हैं कि जहां भाषा के एक ही शिक्षक पढ़ाते हैं उस पर भार दिया जा रहा है। वो पेपर जांच करेंगे की अक्टूबर नवम्बर माह का पाठ्यक्रम पूरा करेंगे शासन को खुद स्कूलों में जाकर गुणवत्ता की जांच करनी चाहिए। शिक्षकों के ऊपर भार लादना उचित नहीं है। जब तक पूरे शिक्षकों को पढाने के सिवाय और कोई काम का बोझ नहीं देंगे तब तक शिक्षा गुणवत्ता नहीं आने वाला। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को पढ़ाने के अतिरिक्त पोर्टल भरने चुनाव ड्यूटी, मास्टर ट्रेनर, बीएलओ,और न जाने क्या क्या काम दिए जाते हैं जो ठीक नहीं है स्कूलो मे पढ़ाई के अतिरिक्त समस्त प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों पर विभाग को सही मे तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए अभी तक गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त रखने का जितने भी आदेश निकला है वो सिर्फ कागजो तक सिमित है।
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