गैर शैक्षणिक कार्यों का लगातार विरोध जारी महिला प्रकोष्ठ के पदाधिकारी ने जारी किया बयान
रायपुर -नवीन शिक्षक संघ महिला प्रकोष्ठ के फायर ब्रांड प्रदेश पदाधिकारी गंगा शरण पासी ने बयान जारी कहा है की छ. ग. राज्य के स्कूलो के लिये माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा शिक्षा सत्र 2025-26 को मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता वर्ष घोषित किया है जिससे सरकारी स्कूलो मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों के शिक्षा मे व्यापक सुधार हो सके लेकिन इसके ठीक विपरीत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों को लगातार जाति प्रमाण पत्र बनाने, सांसद खेल महोत्सव मे जिम्मेदारी, बाढ़ नियंत्रण, बीएलओ कार्य, जमीन खसरा गिरदावली, निवासी प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आधार अपडेशन कार्य,मां के नाम एक पेड़,अपार आई डी बनवाने सहित कई प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों को करने के लिये शिक्षकों पर दबाव डाला जाता है साथ ही ऑफलाइन कार्यों को विभिन्न लिंक व ऐप के माध्यम से अधिकांश दिनों मे तत्काल जानकारी मंगवाया जाता है जिससे सीधा नुकसान सरकारी स्कूलो मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों का होता है ऐसे नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है एक शिक्षक लगातार गैर शैक्षणिक कार्य करके मानसिक रूप से परेशान हो जाता है सरकार अगर वास्तव मे सरकारी स्कूलो मे शिक्षा के स्तर को सुधारना चाहती है तो शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों को बिल्कुल ही करने से रोक देना चाहिए शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाने दिया जाय उसके बाद सरकार व आम जनता को सरकारी स्कूल के पढ़ाई का स्तर को परखना चाहिए शिक्षक को अपने मूल कार्य पढ़ाई को करने के लिये पर्याप्त समय देना चाहिए प्रदेश के स्कूलो मे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिये शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा जाय बस हम इतना ही निवेदन शासन प्रशासन से करते है।
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