प्रदेश के शासकीय कर्मचारियो की मांग पूर्ति करो सरकार नही तो 11 मार्च को होगा राजधानी रायपुर में हड़ताल
मोर्चा के प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत,सह संचालक गिरीश साहू के उपस्थिति में ब्लॉक संचालक धमधा मदन साटकर,संजय शर्मा, ईश्वर साहू व महावीर वर्मा (बीआरसी धमधा) के नेतृत्व में महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले केंद्र के समान 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता व सातवां वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता निर्धारण की मांग को लेकर प्रांतीय आह्वान पर ब्लॉक धमधा में मुख्यमंत्री जी के नाम एसडीएम धमधा ब्रजेश क्षत्रिय को ज्ञापन सौंपा गया प्रदीप राजपूत,वीरेंद्र साहू,अशोक देवांगन,माधो चेलक,अखिलेश शर्मा,खिलेंद्र बघेल,मेखराम कोसले, अनिल मार्कण्डेय,तीरथ मार्कण्डे,कमल नारायण साहू,सुरेंद्र राय,ने बताया कि कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग लंबित 14% मंहगाई भत्ता का एरियर सहित भुगतान एवं गृह भाड़ा भत्ता को सातवें वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित कर प्रदान करने के लिए ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। वही जिला मुख्यालय दुर्ग में प्रदेश संचालक अनिल शुक्ला,कमलेश राजपूत,जिला संचालक संजीव मानिकपुरी,शत्रुघ्न साहू सहित अन्य संचालक की उपस्थिति में कलेक्टर एवं तहसीलदार के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया है।
11 मार्च को राजधानी में आंदोलन
मोर्चा के प्रदेश संचालक विकास सिंह राजपूत ने बताया कि 11 मार्च को प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन राजधानी रायपुर में किया जावेगा जिसमें समस्त संगठनों के कर्मचारी एक दिवसीय आंदोलन में सामुहिक अवकाश लेकर शामिल होंगे।
3 दिवसीय आंदोलन की घोषणा
प्रदेश संचालक अनिल शुक्ला,कमलेश राजपूत,जिला संचालक संजीव मानिकपुरी व शत्रुघ्न साहू ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक 3 दिवसीय आंदोलन में मोर्चा के समस्त कर्मचारी एवं अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर जिला और ब्लॉक मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे।
प्रदेश सह संचालक गिरीश साहू,दुष्यंत कुम्भकार,अमितेश तिवारी ने कहा कि 3 चरणों के उपरांत मांगों के पूर्ण नही होने की स्थिति में मांगों पर सकारात्मक निर्णय नही लेने पर समूर्ण छत्तीसगढ़ के कर्मचारी -अधिकारी अनिश्चितकालीन आंदोलन करने बाध्य होंगे।
महावीर वर्मा,ईश्वर साहू,प्रदीप राजपूत,वीरेंद्र साहू,माधो चेलक,अनिल मार्कण्डेय,मेखराम कोसले,अशोक देवांगन,अखिलेश शर्मा,सुरेंद्र राय,तीरथ मार्कण्डेय सहित उपस्थित सभी कर्मचारियो ने कहा कि सरकार ने विगत 3 वर्षों से कर्मचारियों के विभिन्न मांगों एवं समस्याओं को अनसुना करते हुए उपेक्षा किया है।जिससे अब कर्मचारी संगठन लामबंद होकर आंदोलन करने को बाध्य हो रहे है।
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