Tuesday, March 22, 2022

तपती सूरज के गर्मी में विद्यार्थी पढ़ने मजबूर सुबह स्कूल लगाने से प्रदेश के छोटे-छोटे बच्चों को मिल सकता है गर्मी से राहत

 रायपुर- होली का पर्व समाप्त हो चुका है और अभी अप्रैल के महीने का आगाज नही हुआ है लेकिन सूरज दादा ने अपनी कहर बरपाना शुरू कर दिया है ऐसे में सवाल है छोटे-छोटे बच्चे जो प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ते है अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण छोटे-छोटे स्कूली बच्चों के सेहत में विपरीत असर पड़ता है ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार व स्कूल शिक्षा विभाग को बच्चो के सेहत को दृष्टिगत रखते हुए ठोस निर्णय लेना चाहिए जिससे पढ़ाई व्यवस्था भी सुचारू रूप से संचालित हो नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने बयान जारी कर कहा प्रदेश साथ ही प्रदेश पदाधिकारी उमा जाटव,गिरीश साहू,दुष्यंत कुम्भकार,अमितेश तिवारी,रूपेंद्र सिन्हा,संजय साहू अजय कड़व व नंदिनी देशमुख ने कहा कि तपती सूरज के गर्मी से छोटे -छोटे स्कूली बच्चों को स्वास्थ्यगत परेशानी का सामना करना पड़ता है दसवीं व बारहवीं के  स्कूली बच्चों की परीक्षा समाप्त होने को साथ ही नवमी व ग्यारहवीं की परीक्षा प्रारम्भ होने को है जिससे बड़े बच्चो को तो गर्मी से राहत मिल सकता है परंतु सवाल प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले मासूम बच्चों के स्वास्थ्य का है गंगा शरण पासी  प्रकाश चंद कांगे,बलविंदर कौर,चन्द्र शेखर रात्रे,सतीस टण्डन,मनोज चंद्रा, ब्रिज नारायण मिश्रा व ज्योति सक्सेना ने छत्तीसगढ़ सरकार व स्कूल शिक्षा विभाग से अपील करते हुए कहा है कि प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के स्कूलों में पढ़ने वाले प्राथमिक व माध्यमिक कक्षा के छोटे-छोटे बच्चों के सेहत व बढ़ती सूरज के गर्मी को ध्यान में रखकर जल्दी ही गरियाबंद जिला शिक्षा कार्यालय की तरह आदेश जारी कर प्रदेश के एक पाली में संचालित होने वाले स्कूलों को सुबह 7.30 से 11.30  तक संचालित करने हेतु समस्त सयुंक्त संचालक शिक्षा संभाग व जिला शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया जाय जिससे छोटे-छोटे मासूम बच्चों को बढ़ती तापमान व गर्मी से राहत मिल सके।

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