रायपुर-शिक्षा सचिव छ.ग.शासन गौरव द्विवेदी ने समस्त कलेक्टर के नाम से पत्र जारी कर मध्यान्ह भोजन योजना के मेन्यू का कड़ाई से पालन करने कहा है,27 जिलो मे से 19 जिलो मे लगभग 66 से अधिक स्कूलों मे पके हुए भोजन का रेण्डम सेंपल लेकर जांच कराया गया जिसमे किसी भी स्कूलो के भोजन मे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ नही पाया गया,अधिकांश स्कूलो के पके हुए भोजन मे कैलोरी व प्रोटीन की निर्धारित मात्रा मे कमी पाया गया,पके हुए भोजन मे निर्धारित मात्रा से कम कैलोरी व प्रोटीन पाये जाने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग छ.ग.शासन ने प्रदेश के स्कूलो मे सप्ताह मे दो दिन अंडा/दूध /समतुल्य न्यूट्रिशन मूल्य का खाद्य पदार्थ समाहित किये जाने का सुझाव प्रेषित किया है।सुझाव मे कहा गया है यदि पालको व बच्चो को अंडा स्वीकरोक्ति न हो तो उसके स्थान पर दूध व अन्य समतुल्य न्यूट्रिशन मूल्य के खाद्य पदार्थ दिये जाने का सुझाव दिया है।स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा सुझाव देने के बाद अब प्रदेश के स्कूलो मे पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चो को निर्धारित मात्रा मे प्रोटीन व कैलोरी युक्त भोजन मिल सकता है इस इस सम्बन्ध मे शिक्षा विभाग द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है।मध्यान्ह भोजन के सम्बन्ध मे चर्चा करते हुए नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा है स्कूल शिक्षा विभाग व राज्य शासन द्वारा बच्चो को निर्धारित मात्रा मे प्रोटीन व कैलोरी युक्त भोजन मिले का प्रारम्भ से प्रयास किया जा रहा है लेकिन प्रदेश के अधिकांश स्कूलो मे मध्यान्ह भोजन संचालन समिति द्वारा शासन द्वारा बनाये गये मेन्यू का ठीक से पालन नही किया जा रहा है प्रायः अधिकांश मध्यान्ह भोजन संचालन समिति पापड़ व अचार सप्ताह मे एक दो दिन दे वही काफी है मध्यान्ह भोजन मेन्यू के पालन करवाने शिक्षको द्वारा प्रयास किया जाता है लेकिन मध्यान्ह भोजन समिति संचालन करने वालो द्वारा शिक्षको के प्रयास पर पानी फेर दिया जाता है,सभी शिक्षक चाहते है की बच्चो को गुणवत्ता पूर्वक निर्धारित मात्रा मे प्रोटीन व कैलोरी से युक्त पक हुआ भोजन मिले जिससे छ.ग.राज्य के स्कूलो मे पढ़ने वाले बच्चो को कुपोषण के शिकार न होना पड़े,विकास सिंह राजपूत ने स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र के बाद उम्मीद जताई है शासन के द्वारा लगातार मॉनिटरिंग कर मेन्यू के आधार पर बच्चो को पके मध्यान्ह भोजन मिल सकेगा,
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