Friday, June 12, 2020
हिंदी माध्यम में पढ़े शिक्षक,पढ़ाएंगे अब अंग्रेजी माध्यम स्कूलो में,शिक्षको के सहमति के बिना कर दी गई पदस्थापना
रायपुर-प्रदेश में राज्य शासन द्वारा अंग्रेजी माध्यम से पढाई की तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है,अंग्रजी माध्यम स्कूलो के लिए प्राचार्यो की नियुक्ति पहले ही शासन द्वारा कर दी गई है अब प्रशासनिक तबादला के नाम पर शिक्षको की बिना सहमति लिए हिंदी माध्यम में पढ़े शिक्षको की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो में कर दिया गया है,प्रशासनिक तबादला के नाम पर अंग्रेजी माध्यम स्कूलो में नियुक्त कई शिक्षक शासन के द्वारा किये गए तबादला से सहमत नही है,इस सम्बंध में नवीन शिक्षक संघ छ. ग.के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलो में पढ़ाई के लिए अंग्रेजी माध्यम से पढ़े शिक्षको की नियुक्ति का नियम स्वयं शासन द्वारा बनाया गया है उसके बाद भी अधिकांश हिंदी माध्यम से पढ़े शिक्षको की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो में कर दिया गया है इस पर शासन को संज्ञान लेकर तत्काल हिंदी माध्यम से पढ़े शिक्षको के स्थान पर अंग्रेजी माध्यम से पढ़े शिक्षको की नियुक्ति करना चाहिए जिससे अंग्रेजी माध्यम स्कूलो में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्वक शिक्षा मिल सके,प्रदेश पदाधिकारी उमा जाटव,गिरीश साहू,अभिनय शर्मा,दुष्यंत कुम्भकार,अमितेश तिवारी,अजय कडव,प्रकाश चन्द कांगे व चन्द्रशेखर रात्रे ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलो में ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलो से शिक्षको की तबादला करने के स्थान पर शहरी क्षेत्रों के स्कूलो में अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षको की नियुक्ति अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो के लिए करना चाहिए जिससे ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलो में शिक्षको की कमी न हो वैसे अभी भी वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलो में अधिकांश जगह विषय विशेषज्ञों की कमी है वही शहरी क्षेत्रों के स्कूलो में सेटअप से भी अधिक शिक्षक स्कूलो में पदस्थ है,प्रदेश पदाधिकारी रूपेंद्र सिन्हा,संजय साहू,ब्रिज नारायण मिश्रा,मनोज चन्द्रा,अमित नामदेव,राजेश शुक्ला,सतीश टण्डन ने कहा कि राज्य में खोले जा रहे सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलो का संचालन पंजीकृत सोसाइटी के स्थान पर पूर्व में संचालित ब्लॉक स्तरीय अंग्रेजी माध्यम की स्कूलो की तरह शासन द्वारा नियंत्रित होना चाहिए या सीधे शब्दों में कहे तो स्कूलो को सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल के बजाए पूर्णतः सरकारी स्कूल होना चाहिए जिससे प्राचार्यो व शिक्षको को प्रतिनियुक्ति पर सोसाइटी के अधीन कार्य नही करना पड़े।गंगा पासी,बलविंदर कौर,ज्योति ठाकुर,नंदिनी देशमुख,संगीत बैस,तुलेश ठाकुर,ने कहा है कि अंग्रेजी स्कूल में तबादला या प्रितिनियुक्ति पर पदस्थ शिक्षको को सरकारी कर्मचारी होकर सरकारी अनुदान प्राप्त सोसाइटी के अधीन कार्य करवाना अव्यवहारिक है इसलिए सरकार को इस पर विचार कर अंग्रेजी स्कूलो को अनुदान प्राप्त सोसाइटी से संचालित करने के स्थान पर तहसील स्तर पर संचालित अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो की तरह सरकार द्वारा संचालित होने चाहिए और इस अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो में सदस्य जिला कलेक्टर,जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी,जिला शिक्षाधिकारी,नगर निगम आयुक्त सहित अन्य उच्चाधिकारियों को नियुक्त करना चाहिए।नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने सरकार से अपील किया है कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो को सोसाइटी के अधीन करने के स्थान पर सरकारी नियंत्रण वाले स्कूल ही रखा जाए साथ ही हिंदी माध्यम से पढ़े शिक्षको का जो ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलो में पदस्थ है ऐसे शिक्षको का तबादला या प्रतिनियुक्ति निरस्त कर अंग्रेजी माध्यम से पढ़े शहरी क्षेत्रों के स्कूलो में पदस्थ शिक्षको का तबादला अंग्रेजी माध्यम के स्कूलो में किया जाए जिससे ग्रामीण क्षेत्रो के स्कूलो में शिक्षको की कमी न हो और सरकारी शिक्षको को प्रतिनियुक्ति में पंजीकृत सोसाइटी के अधीन नही किया जाए,
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