Thursday, June 25, 2020
इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय का सुदूर अंचल से भी उठा विरोध का स्वर,एक दिन के वेतन कटौती का भी किया जा रहा है विरोध
कांकेर-नवीन शिक्षक संघ छ. ग.के प्रांतीय उपाध्यक्ष प्रकाशचन्द कांगे ने जिला कलेक्टर,जिला शिक्षाधिकारी कांकेर व बीईओ भानुप्रतापपुर को ज्ञापन सौंपकर जुलाई व जनवरी में मिलने वाले इंक्रीमेंट को रोकने के निर्णय का विरोध करते हुए इंक्रीमेंट बहाली की मांग को रखते हुए वित्त विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष के नाम से एक दिन के वेतन कटौती का विरोध करते हुए ज्ञापन के माध्यम से स्पष्ट कहा कि जब तक छ. ग.शासन वित्त विभाग द्वारा इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय को निरस्त नही करते है तब तक प्रदेश के शासकीय कर्मचारी एक दिन के वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा के संबन्ध में कोई विचार नही करेंगे,इस संबन्ध में बलविंदर कौर,विद्या जुर्री,लालमन पटेल,राजेश शुक्ला,नरेश चौहान ने कहा कि शासन वर्ष में शासकीय कर्मचारियों को एक बार वेतन वृद्धि का लाभ प्रदान करती है साथ ही महंगाई भत्ता को प्रत्येक छमाही समीक्षा कर महंगाई भत्ता भी प्रदान करती है लेकिन कोरोना का आड़ लेकर शासन द्वारा कर्मचारी हित के विरुद्ध लगातार निर्णय लेते हुए पहले दो साल से महंगाई भत्ता रोक के रखे हुए है राज्य सरकार व केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में आज भी 9 प्रतिशत कमी है वही राज्य सरकार द्वारा इंक्रीमेंट रोकने का निर्णय भी लिया जा चुका है ऊपर से मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन की वेतन कटौती के लिए प्रतिमाह एक आदेश पत्र घूमता रहता है जिसका प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जा रहा,प्रांतीय पदाधिकारी रूपेंद्र सिन्हा,चन्द्रशेखर रात्रे,ब्रिजनारायन मिश्रा,अमित नामदेव,मनोज चन्द्रा,संजय साहू,अजय कडव ने कहा है कि राज्य सरकार लम्बित महंगाई भत्ता,इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय को निरस्त कर फिर राज्य के शासकीय कर्मचारी मुख्यमंत्री सहायता कोष में एक दिन के वेतन जमा करने पर विचार करेंगे,
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