पहले पाँच प्रतिशत महंगाई भत्ता सहित 14 सूत्रीय माँग के लिए शासन से समझौता कर मुख्यमंत्री जी के सम्मान करने वालों के कारण आज प्रदेश के शासकीय कर्मचारी अपने लम्बित भत्ता से वंचित सरकार से समझौता कर गलत परम्परा के प्रारम्भ के जिम्मेदार
रायपुर - नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने सवाल उठाते हुए कहा है की पूर्व मे जब हमने लम्बित महंगाई भत्ता व गृह कि माँग को राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब मे एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार से दो सूत्रीय माँग को लेकर संघर्ष का आगाज किया तब यही 88 संगठन का दम्भ भरने वाले लोग पहले पाँच प्रतिशत सहित 14 सूत्रीय माँग के लिए कमेटी गठित करने सरकार से समझौता कर मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किये तत्पश्चात् 2022 मे हमारे द्वारा लगातार तीन दिन प्रत्येक ज़िला मुख्यालय मे महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर मे दो सूत्रीय माँग को लेकर धरना प्रदर्शन कर सरकार को लम्बित महंगाई भत्ता व गृह भत्ता देने के लिए बाध्य करने का प्रयास कर रहे थे उस समय भी ये तथाकथित 88 संगठन के नेतृत्वकर्ता हमारे आंदोलन का विरोध करते हुए सरकार के साथ मिलीभगत करते हुए मात्र पाँच प्रतिशत मे महंगाई भत्ता के लिए समझौता कर गलत परम्परा का प्रारम्भ किया गया।
टीचर्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने आगे कहा की सरकार से लगातार दो बार पाँच - पाँच प्रतिशत मे महंगाई भत्ता का समझौता कर मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद,आभार प्रदर्शन करने वाले 88 संगठन के नेतृत्वकर्ता ही गलत परम्परा की प्रारम्भ करने के जिम्मेदार है ऐसे समझौता वादी नेतृत्वकर्ता के कारण आज प्रदेश के शासकीय कर्मचारीयों व पेंशनरो को अपने ही महंगाई भत्ता व गृह भत्ता के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है किस्त - किस्त मे महंगाई भत्ता के लिए समझौते करने वाले 88 संगठन के नेतृत्वकर्ता को कर्मचारी इतिहास मे कभी भी माफ़ नहीं किया जाएगा ।
शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने आगे कहा की हमारे द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान 25 जुलाई से अनिश्चितकालिन आंदोलन के एलान कर लम्बित महंगाई भत्ता व गृह भत्ता के माँग को लेकर संघर्ष को निर्णायक बनाने का प्रयास किया गया और तथाकथित 88 संगठनों के नेतृत्वकर्ता से लगातार हमारे द्वारा अपील किया जा रहा था साथ ही अधिकांश कर्मचारी साथियो द्वारा निश्चितकालिन को अनिश्चितकालिन आंदोलन मे परिवर्तन की मंशा प्रकट कर रहे थे लेकिन सरकार के गोद मे खेलने वाले समझौता वादी नेतृत्वकर्ता हमारे अपने निश्चितकालिन आंदोलन को अनिश्चितकालिन आंदोलन मे परिवर्तन नहीं कर सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर के अनिश्चितकालिन आंदोलन को कमजोर कर सरकार को फायदा पहुचाने का कार्य किया और चरण बद्ध आंदोलन कर शिक्षक एलबी संवर्ग के मूल समस्या से भटकाकर माँग को DA व HRH तक सिमित करने का कार्य किया है।
संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे और विकास सिंह राजपूत ने आगे कहा की सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर के अंतर्गत हमारे द्वारा पूरा प्रयास किया गया की समस्त कर्मचारीयों के सहयोग से 25 जुलाई से अनिश्चितकालिन आंदोलन को सबका साथ मिले और 15 अगस्त तक सरकार लम्बित महंगाई भत्ता व गृह भत्ता देने बाध्य हो जाए जिससे DA व HRA की माँग करने कि आवश्यकता न पड़े और फिर नवंबर दिसंबर मे सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर मे समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग पूर्व सेवा अवधि कि गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से वेतनमान,पेंशन सहित समस्त लाभ के लिए जिससे वेतन विसंगति दूर हो सके के लिए 2012 व 2017 कि तरह एकजुट होकर संघर्ष करेंगे,हम गलत परम्परा के प्रारम्भ करने मे सहभागी सरकार के गोद मे बैठकर अपने अस्तित्व बचाने मात्र आधा प्रतिशत के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलन को मजाक बनाने वाले नेतृत्वकर्ता के गलत रणनीति के कारण ऐसे आंदोलन से दूर रहकर आप सभी शिक्षक साथी आने वाले समय मे निर्णायक संघर्ष के लिए तैयार रहे अब शिक्षक संवर्ग का अपने शिक्षक एलबी संवर्ग के हित मे सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर मे महा हड़ताल का आगाज होगा जो हम शिक्षक एलबी संवर्ग के लिए परिणाम मूलक होगा।
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