Thursday, August 11, 2022

केंद्र से करोडो रूपये जारी अब राशि की कमी बताने के बजाय छ. ग. के शासकीय कर्मचारियों व पेंशनरो को को दे लम्बित महंगाई व गृह भत्ता



रायपुर - नवीन शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत,टीचर्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा व शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व मे प्रदेश के शासकीय शासकीय कर्मचारियों व पेंशनरो ने 25 जुलाई से अनिश्चितकालिन आंदोलन कर 31 को आंदोलन समाप्ति के तुरंत बाद राज्य के माननीय उद्योग मंत्री व शिक्षा मंत्री से चर्चा के बाद प्रदेश के मुखिया माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर के प्रतिनिधिमंडल को सामान्य प्रशासन छ. ग. सरकार द्वारा आमंत्रित कर महंगाई भत्ता व गृह भत्ता के आंदोलन पर चर्चा किया जिस पर सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर के नेतृत्वकर्ता ने बैठक मे केंद्र के सामान 34% महंगाई भत्ता व सातवे वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता देने कि माँग के साथ - साथ सहायक शिक्षकों को शिक्षकों व व्याख्याता के समानुपातिक वेतनमान व पूर्व सेवा अवधि कि गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से वेतनमान व पेंशन प्रदान कर शिक्षक एलबी संवर्ग के समस्याओ के समाधान करने कि माँग को पूरे दस्तावेज के साथ रखा।

 राज्य सरकार के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मिडिया के माध्यम से केंद्र द्वारा छ. ग. राज्य के करोड़ो रूपये रोके जाने के कारण 34% महंगाई भत्ता व सातवे वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता देने मे असमर्थता व्यक्त करते रहे है इस पर संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे,संजय शर्मा,उमा जाटव,गिरीश साहू,दुष्यन्त कुम्भकार, अमितेश तिवारी,रुपेन्द्र सिन्हा,अजय कडव,प्रकाशचंद कांगे,राजेश शुक्ला,चन्द्र शेखर रात्रे,सतीश टंडन, ब्रिज नारायण मिश्रा,बलविंदर कौर, गंगा शरण पासी,नंदिनी देशमुख,संगीता बैस,गीता चन्द्राकार,ज्योति सक्सेना,सुमन लता यादव,रमन शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने आगे कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा छ. ग. सरकार को 3974.82 करोड़ रुपए जारी कर दिया गया है अब राज्य सरकार अपने 

  शासकीय कर्मचारियों व पेंशनरो को केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ता व सातवे वेतनमान के अनुसार गृह भत्ता   15 अगस्त स्वतन्त्रता दिवस के शुभ अवसर पर देने का निर्णय ले जिससे प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों व पेंशनरो को अपने कार्यालय व स्कूलों को छोड़कर सड़क पर उतरकर धरना प्रदर्शन करने कि जरुरत ही न पड़े।

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