Sunday, August 14, 2022

6 से 9 प्रतिशत करवाने का खेल कर्मचारीयों के साथ फिर हो सकता है छल अनिश्चितकालिन आंदोलन से भागने का बहाना*



 *नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत,टीचर्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा व शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा है कि फेडरेशन के अगुआ में कर्मचारी संघो के बीच साम्राज्यवाद सा अहंकार है, लगातार निष्पक्ष बैनर व सामूहिक नेतृत्व की बात सामने आने पर भी कर्मचारियों से छल किया गया, 25 से 29 जुलाई के हड़ताल को जमीनी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदलने कहा परन्तु cg को केवल अपना समझ बैठे सारे ऊपरी लोगो ने आंखे मूंद ली,,अब यह बात तो फेडरेशन को ही सोचना है कि 22 अगस्त से अनिश्चतकालीन हड़ताल में जाते है कि फिर दूसरी बार जमीनी कर्मचारियों के भावना से खेल कर स्थगित करेंगे, 80 संघ का दम्भ भरने वाला खाली हाथ है, मान बचाने 6% da की सहमति को एक किश्त छोड़कर 9% करने का खेल जारी है,,ऐसे में फेडरेशन व महासंघ में क्या अंतर होगा, अब इन दोनों कुनबे में अपनी सेवा को दांव में लगाकर कर्मचारियों के लिए संघर्ष करने की नही बस कुनबा सजाने की होड़ है, इसमे सरकार को चुनौती नही मिल सकती और फिर कर्मचारियों को पूरा अधिकार भी नही मिलेगा, 12% लंबित da ही नही मिलेगा तो एरियर और hra की बात तो दूर की कौड़ी है, वर्तमान में न निश्चित में शामिल और न ही अनिश्चित हड़ताल में शामिल महासंघ ने 6% में चर्चा कर एक संदेश दिया है, यह कर्मचारी भावना के विपरीत है,,पर सम्पूर्ण प्रदेश बन्द होने के बाद मौके पर अनिश्चितकालीन नही करने वाले अब 12% में ही सहमति करेंगे तो कर्मचारियों का आक्रोश ठंडा होगा, अन्यथा मोहरे रूपी कर्मचारियों को दांव में लगाने वाले चिन्हित होंगे, निष्पक्ष बैनर व सामूहिक नेतृत्व में अनिश्चितकालीन हड़ताल को फेडरेशन के पीछे हटने के कारण 31 जुलाई को शिक्षकीय मुद्दे पर संघर्ष के लिए बन्द किया गया, आज भी फेडरेशन निष्पक्ष बैनर व सामूहिक नेतृत्व में 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे तो हम जरूर सकारात्मक विचार करेंगे।*


सोचना था, जब हम अनिश्चितकालीन आंदोलन कर रहे थे तब 5 दिन का आंदोलन कर रहे थे, समय समझकर अपने निर्णय पर पुनर्विचार नही किए और प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को यही कहा गया कि हम भी 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे, हमे दर्द है क्योंकि हमने भी उसी अवधि में सहयोग में हड़ताल की है, तो अब साख की बारी है, वर्तमान में बिना हडताल किए अब श्रेय कोई और ले गया तो रोना क्यों। सूत्रों से पता चला है कि कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का प्रतिनिधि मंडल माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर 6 से 9 प्रतिशत महंगाई भत्ता मे समझौता कर 22 तारीख से होने वाले आंदोलन से भागने का बहाना खोज रहे है जबकि प्रदेश के कर्मचारीयों को 12 प्रतिशत से कम महंगाई भत्ता मंजूर नहीं *अब भी समय है फेडरेशन व महासंघ को शिक्षक एलबी संवर्ग के माँग पर विचार कर सामूहिक नेतृत्व निष्पक्ष बैनर मे आंदोलन करना चाहिए जिससे शासन वेतन विसंगति दूर करने के साथ साथ महंगाई व गृह भत्ता पर निर्णय लेने मजबूर हो*

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