रायपुर 30 जुलाई 2019। नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिन्हा,प्रकाशचन्द कांगे,ब्रिज नारायण मिश्रा,अमित नामदेव व प्रदेश पदाधिकारी अजय कड़व और संजय साहू ने कहा है की सरकार के निर्देश को निचले स्तर के अफसरों ने ठेंगा दिखाने का मानों ठेका ले रखा है। शायद ही कोई ऐसा निर्देश होता हो, जिसके लिए विभाग दो से चार बार याद दिलानी ना पड़ती हो। अब ताजा मामला संविलियन का ही ले लीजिये। जुलाई से शुरू हुए संविलियन को लेकर सरकार ने एक टाइम टेबल प्रोग्राम जारी किया था। स्पष्ट निर्देश था कि किन-किन तारीख को किस तरह के संविलियन का काम आगे बढ़ाया जायेगा, लेकिन सरकार के निर्देश को अफसरों ने हल्के में ले लिया। प्रदेश के आधा से ज्यादा जिला पंचायत सीईओ और डीईओ ने निर्देश को ठेंगा दिखाते हुए संविलियन के टाइम टेबल प्रोग्राम का इम्प्लीमेंटशन किया ही नहीं।
लिहाजा डीपीआई को नया निर्देश जारी कर जिलों को याद दिलाना पड़ा है कि उन्होंने अब तक सीनियरिटी लिस्ट जारी नहीं की है, जिन जिलों से लिस्ट नहीं आया है, वो तत्काल लिस्ट की साफ्ट कॉपी भेजे। दरअसल राज्य सरकार ने संविलियन का जो प्रोग्राम जारी किया था, उसके मुताबिक प्रत्येक जिले को 17 जुलाई तक अंतिम सीनियरिटी लिस्ट प्रकाशित कर देना था, लेकिन कमाल की बात ये रही कि 27 जिलों में से 13 जिलों ने ही लिस्ट भेजी, 14 जिलों से लिस्ट आयी ही नहीं।
लिहाजा राज्य सरकार की संविलियन प्राप्त शिक्षकों का पदस्थापनावार और नामवार जो संविलियन आदेश जारी होना था, वो नहीं हो पाया, क्योंकि कार्यक्रम के मुताबिक 30 जुलाई तक संविलियन का आदेश हो जाना चाहिये था। ऐसे में इस लापरवाही को डीपीआई ने बड़ी गंभीरता से लिया है और नया आदेश जारी कर तुरंत लिस्ट तलब की है।
इन जिलों से ही अब तक भेजी गयी है सूची
17 जुलाई को वरीष्ठता सूची का प्रकारण सभी 27 जिलों में हो जाना चाहिये था, लेकिन सिर्फ 13 जिलों से ही सूची आई। जिन जिलों से सूची भेजी गयी, उनमें बालोद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, जांजगीर, चांपा, कोंडागांव, कोरिया, रायगढ़, धमतरी, कबीरधाम, महासमुंद, सुकमा, सरगुजा और बिलासपुर शामिल हैं, जबकि राजधानी रायपुर सहित 14 जिलों से लिस्ट भेजी ही नहीं गयी।प्रदेश पदाधिकारी गिरीश साहू,चन्द्रशेखर रात्रे,मनोज चन्द्रा,अभिनय शर्मा,दुष्यंत कुम्भकार व अमितेश तिवारी ने शेष बचे 14 जिलो के अधिकारियों से जल्द ही संविलियन सूची मंत्रालय भेजने की मांग की है जिससे आठ वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षक पंचायत संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग मे संविलियन प्रक्रिया पूर्ण हो सके।
लिहाजा डीपीआई को नया निर्देश जारी कर जिलों को याद दिलाना पड़ा है कि उन्होंने अब तक सीनियरिटी लिस्ट जारी नहीं की है, जिन जिलों से लिस्ट नहीं आया है, वो तत्काल लिस्ट की साफ्ट कॉपी भेजे। दरअसल राज्य सरकार ने संविलियन का जो प्रोग्राम जारी किया था, उसके मुताबिक प्रत्येक जिले को 17 जुलाई तक अंतिम सीनियरिटी लिस्ट प्रकाशित कर देना था, लेकिन कमाल की बात ये रही कि 27 जिलों में से 13 जिलों ने ही लिस्ट भेजी, 14 जिलों से लिस्ट आयी ही नहीं।
लिहाजा राज्य सरकार की संविलियन प्राप्त शिक्षकों का पदस्थापनावार और नामवार जो संविलियन आदेश जारी होना था, वो नहीं हो पाया, क्योंकि कार्यक्रम के मुताबिक 30 जुलाई तक संविलियन का आदेश हो जाना चाहिये था। ऐसे में इस लापरवाही को डीपीआई ने बड़ी गंभीरता से लिया है और नया आदेश जारी कर तुरंत लिस्ट तलब की है।
इन जिलों से ही अब तक भेजी गयी है सूची
17 जुलाई को वरीष्ठता सूची का प्रकारण सभी 27 जिलों में हो जाना चाहिये था, लेकिन सिर्फ 13 जिलों से ही सूची आई। जिन जिलों से सूची भेजी गयी, उनमें बालोद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, जांजगीर, चांपा, कोंडागांव, कोरिया, रायगढ़, धमतरी, कबीरधाम, महासमुंद, सुकमा, सरगुजा और बिलासपुर शामिल हैं, जबकि राजधानी रायपुर सहित 14 जिलों से लिस्ट भेजी ही नहीं गयी।प्रदेश पदाधिकारी गिरीश साहू,चन्द्रशेखर रात्रे,मनोज चन्द्रा,अभिनय शर्मा,दुष्यंत कुम्भकार व अमितेश तिवारी ने शेष बचे 14 जिलो के अधिकारियों से जल्द ही संविलियन सूची मंत्रालय भेजने की मांग की है जिससे आठ वर्ष पूर्ण कर चुके शिक्षक पंचायत संवर्ग का स्कूल शिक्षा विभाग मे संविलियन प्रक्रिया पूर्ण हो सके।







