नवीन शिक्षक संघ छ. ग.महिला प्रकोष्ठ प्रवक्ता गंगा पासी ने जानकारी दिया है कि महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अधयक्ष उमा जाटव ने बयान जारी कर कहा है कि जब जब देश- दुनिया में प्राकृतिक आपदा या वैश्विक महामारी जैसी दुर्भाग्य की काली घटा छाई है ,तब तब हम देश - राज्य को कर्मचारियों ने अपने प्यारे भारतवर्ष को इस संकट की घड़ी से उबारने शासन के हर आदेश पर कदम कदम पर साथ निभाया है ,चाहे वो आर्थिक हो या शारीरिक हो ।
वैसे भी देश- दुनिया में शासन का शायद ही कोई काम होगा जिसमें शिक्षकों ने अपनी महती भूमिका का निर्वहन ना किया हो ।
इस वैश्विक काल में छ. ग.राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा आर्थिक अपील पर नवीन शिक्षक संघ छ. ग. समस्त कर्मचारियों से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की अपील करता हैं ।पूर्व माह के वेतन में भी हमने अपने संघ ( नवीनशिक्षक संघ)/की ओर से एक दिन का वेतन राज्य कोष में दान करने का आह्वान किया था ,जिसका समर्थन हमारे संघ के पदाधिकारियों, सदस्यों, साथियों,कार्यकर्ताओं, समर्थकों ने सहज भाव से ना केवल राज्य कोष में अपना सहयोग प्रदान किया बल्कि स्वेच्छा से जरूरत मंदों / निर्धन/ मजदूरों/ बुजुर्गों तक प्रत्यक्ष तौर पर सहायता राशि व राशन- सामग्री का सहयोग दिया है ।
पूर्व की भांति राज्य- कोष में सहयोग करने की अपील अपने संघ के माध्यम से हम कर्मचारियों से करते है , साथ ही राज्य- शासन से भी अपील करते हैं कि जो कर्मचारी स्वेच्छा से अपने एक दिन की वेतन कटौती कर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने हेतु सहमति प्रदान करते है उसी कर्मचारियों का वेतन कटौती किया जेक्योकि हमारे कुछ ऐसे भी शिक्षक साथी है जिनके जीविकापार्जन का जरिया सिर्फ माह में मिलने वाला उनका निर्धारित वेतन ही है , इसी वेतन को सहारे उनको अपने बच्चों ही पढ़ाई- लिखाई, पालन- पोषण से लेकर बुढ़े मं- बाप की पालन- पोषण, उनकी चिकित्सा- सेवा छोटे भाई- बहनों की। पढ़ाई- लिखाई, ,शादी- ब्याह का खर्च , सामाजिक दायित्व का निर्वहन , किराये को घर का भुगतान , नल- बिजली बिल का भुगतान तमाम तरह की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है ।ऐसे में अगर कोई कर्मचारी अपना वेतन दान करने में असमर्थता व्यक्त करता है ,तो राज्य- शासन है निवेदन है कि उस पर किसी भी प्रकार का विभागीय दबाव ना डाला जाए ।
प्रदेश अध्यक्ष उमा जाटव ने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि कोरोना - पीड़ितों ही सेवा- सुश्रुषा में लगे हुए कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा को संसाधन उपलब्ध (पी़पीई किट) कराई जाए ।जिन कर्मचारियों को कोरोना ग्रसित क्षेत्र में कार्य में भेजा जाता है , तो कार्य नियुक्ति के साथ ही राज्य शासन को आदेशानुसार सक्षम अधिकारी के द्वारा कर्मचारी के कार्य को दौरान संक्रमित होने व असमय काल के गाल में समा जाने पर फौरन 50 लाख बीमा कवर राशि का सहयोग / अनुकंपा नियुक्ति परिजन को तत्काल देने का प्रपत्र कर्मचारी से भरवा लिया जाए ताकि उस कर्मचारी पर न्याय हो सकें ।
वैसे भी देश- दुनिया में शासन का शायद ही कोई काम होगा जिसमें शिक्षकों ने अपनी महती भूमिका का निर्वहन ना किया हो ।
इस वैश्विक काल में छ. ग.राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा आर्थिक अपील पर नवीन शिक्षक संघ छ. ग. समस्त कर्मचारियों से एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने की अपील करता हैं ।पूर्व माह के वेतन में भी हमने अपने संघ ( नवीनशिक्षक संघ)/की ओर से एक दिन का वेतन राज्य कोष में दान करने का आह्वान किया था ,जिसका समर्थन हमारे संघ के पदाधिकारियों, सदस्यों, साथियों,कार्यकर्ताओं, समर्थकों ने सहज भाव से ना केवल राज्य कोष में अपना सहयोग प्रदान किया बल्कि स्वेच्छा से जरूरत मंदों / निर्धन/ मजदूरों/ बुजुर्गों तक प्रत्यक्ष तौर पर सहायता राशि व राशन- सामग्री का सहयोग दिया है ।
पूर्व की भांति राज्य- कोष में सहयोग करने की अपील अपने संघ के माध्यम से हम कर्मचारियों से करते है , साथ ही राज्य- शासन से भी अपील करते हैं कि जो कर्मचारी स्वेच्छा से अपने एक दिन की वेतन कटौती कर मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने हेतु सहमति प्रदान करते है उसी कर्मचारियों का वेतन कटौती किया जेक्योकि हमारे कुछ ऐसे भी शिक्षक साथी है जिनके जीविकापार्जन का जरिया सिर्फ माह में मिलने वाला उनका निर्धारित वेतन ही है , इसी वेतन को सहारे उनको अपने बच्चों ही पढ़ाई- लिखाई, पालन- पोषण से लेकर बुढ़े मं- बाप की पालन- पोषण, उनकी चिकित्सा- सेवा छोटे भाई- बहनों की। पढ़ाई- लिखाई, ,शादी- ब्याह का खर्च , सामाजिक दायित्व का निर्वहन , किराये को घर का भुगतान , नल- बिजली बिल का भुगतान तमाम तरह की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है ।ऐसे में अगर कोई कर्मचारी अपना वेतन दान करने में असमर्थता व्यक्त करता है ,तो राज्य- शासन है निवेदन है कि उस पर किसी भी प्रकार का विभागीय दबाव ना डाला जाए ।
प्रदेश अध्यक्ष उमा जाटव ने प्रदेश सरकार से मांग किया है कि कोरोना - पीड़ितों ही सेवा- सुश्रुषा में लगे हुए कर्मचारियों को पर्याप्त सुरक्षा को संसाधन उपलब्ध (पी़पीई किट) कराई जाए ।जिन कर्मचारियों को कोरोना ग्रसित क्षेत्र में कार्य में भेजा जाता है , तो कार्य नियुक्ति के साथ ही राज्य शासन को आदेशानुसार सक्षम अधिकारी के द्वारा कर्मचारी के कार्य को दौरान संक्रमित होने व असमय काल के गाल में समा जाने पर फौरन 50 लाख बीमा कवर राशि का सहयोग / अनुकंपा नियुक्ति परिजन को तत्काल देने का प्रपत्र कर्मचारी से भरवा लिया जाए ताकि उस कर्मचारी पर न्याय हो सकें ।
No comments:
Post a Comment