Thursday, May 16, 2019

बेसलाइन टेस्ट मॉडल छाये रहे केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग के बैठक मे,छत्तीसगढ़ मॉडल पूरे देश के अन्य राज्यो पर भी लागू करने पर हो सकता है विचार,

शिक्षा का अधिकार अधिनियम(आरटीई)के तहत जहां देश भर मे प्राथमिक-माध्यमिक शालाओ के बच्चो का सतत मूल्यांकन किया जा रहा है,वही छत्तीसगढ़ ने पहिली बार बेसलाइन टेस्ट मॉडल के तहत बच्चो का स्टेट लेवल असेसमेंट SLA किया,S LA  के अंतर्गत हुए मूल्यांकन मे बच्चो के द्वारा प्राप्त अंको की एंट्री को भी शिक्षको ने ऑनलाइन मोबाइल के माध्यम से किया।ऑनलाइन एंट्री के माध्यम से पहिली से आठवी तक सभी बच्चो का डेटाबेस तैयार किया गया जिससे पहिली से आठवी तक एक-एक बच्चो का स्तर के अनुसार आने वाले शिक्षा सत्र मे पढ़ाई कराया जा सके,बेसलाइन टेस्ट मॉडल को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार बेस्ट प्रेक्टिसेस माना है।केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग ने प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की दिल्ली मे आयोजित बैठक मे छत्तीसगढ़ को बेसलाइन टेस्ट मॉडल SLA को आगे बेहतर चलाने के लिए आकलन प्रकोष्ठ अलग से गठित करने की हरि झंडी दी इसके लिए छत्तीसगढ़ को 41 करोड़ रुपये मिले है।स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्वेवेदि ने बताया है की छत्तीसगढ़ पहला राज्य होगा जहां प्राथमिक-माध्यमिक का मूल्यांकन अब आंकलन प्रकोष्ठ करेगा।वहीं बच्चो की सीखने की क्षमता का अनुसंधान करेगा निदान के लिए भी प्लान तैयार करेगा।बेसलाइन टेस्ट मॉडल को देखने व समझने के लिए जल्दी ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग की एक टीम छत्तीसगढ़ का दौरा कर सकते है और इस मॉडल को देश के अन्य राज्यो मे भी लागू करने पर विचार कर सकते है।

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