नवीन शिक्षाकर्मी संघ बालोद जिला अध्यक्ष वेदप्रकाश साहू व मुंगेली जिला अध्यक्ष रमन शर्मा ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय समर क्लास लगाने के डीईओ के आदेश का विरोध कर इसे तुगलगी फरमान करार दिया है भीषण गर्मी मे बच्चो के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेंद्र सिन्हा व प्रकाशचन्द कांगे ने कहा है की ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलो मे भीषण गर्मी से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन नही है जिससे छात्रों के सेहत पर असर पड़ सकता है।
बालोद व मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी का वह आदेश जिसमे 1 मई से जिले भर के स्कुलो में समर क्लास शुरू करने का आदेश दिया गया उसका शिक्षक भारी विरोध कर रहे है। शिक्षको की भड़ास सोशल मीडिया में दिखाई भी दे रही है। शिक्षक राज्य सरकार के उस आदेश को माने कि जिसमे एक मई से 15 जून तक ग्रीष्म कालीन अवकाश दिया गया है या फिर उस आदेश को जिसे बालोद व मुंगेली के जिला शिक्षा अधिकारी ने अनिवार्य किया है।
जहां पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी की स्थिति को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर कई जिलों के कलेक्टर शैक्षणिक सत्र समाप्त होने से पहले ही अवकाश घोषित कर चुके है वहीं बालोद व मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी का यह आदेश पूरी तरह समझ से परे है और साफ तौर पर दर्शाता है कि कई अधिकारी जमीनी हकीकत को समझे बगैर शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बनाने में तुले हुए हैं ।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रुपेन्द्र सिन्हा ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हर आयाम को ध्यान में रखकर शैक्षणिक सत्र की रूपरेखा तैयार की जाती है, और उस निश्चित समय में अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न भी हो जाती है । छत्तीसगढ़ शाशन के पत्र दिनांक 03/05/2018 को दशहरा, दीपावली, शीत कालीन और ग्रीष्म कालीन अवकाश के बारे में स्पस्ट किया गया है।
प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश चंद कांगे ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश शासकीय शालाओं में ढंग से पंखे तक की व्यवस्था नहीं है और ऐसी भीषण गर्मी जिसमें कूलर,एसी भी ढंग से काम नहीं कर रहे हैं वैसी स्थिति में स्कूलों में बच्चों को बुलाना कितना नुकसानदेह हो सकता है इसका भी एक बार आकलन कर लेना चाहिए । ऐसे तुगलकी फरमानों को तत्काल प्रभाव से वापस लेना ही छात्र और शिक्षण जगत के हित में है ।
वहीं प्रदेशसचिव गिरीश साहू,प्रदेश प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व मीडिया प्रभारी मनोज चन्द्रा का कहना है कि पूर्व शिक्षा सत्रों में कक्षा 1से 8 तक के परिणाम 30 अप्रैल से पहले तक घोषित कर दिया जाता था। वहीं इस सत्र में इन कक्षाओं का परिणाम आज पर्यंत घोषित नहीं किया गया हैं। विभाग अपने लेटलतीफी और कमजोरीयों को छुपाने के लिए समर कैम्पों का बहाना बना कर तुगलकी फरमान जारी कर रहें है। जिससे शिक्षक विद्यालय तक बने रहे।
प्रदेश महिला अध्यक्ष उमा जाटव,प्रवक्ता गंगा पासी,बलविंदर कौर व नंदिनी देशमुख ने मई माह के भीषण गर्मी मे बच्चो के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत असर को देखते हुए तत्काल बालोद व मुंगेली जिला शिक्षाधिकारी द्वारा इस तुगलकी फरमान को वापस लेना चाहिए।
एस. एल.ए. पहिली से आठवीं पेपर मूल्यांकन के संबंध में नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत, उमा जाटव,गिरीश साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेन्द्र सिन्हा , राजेश शुक्ला,अजय कड़व, ब्रिज नारायण मिश्रा,अमित नामदेव, चन्द्रशेखर रात्रे, रमन शर्मा,मनोज चन्द्रा,गंगा पासी,नंदिनी देशमुख, बलविंदर कौर, लालमन पटेल ने छ.ग.राज्य के दुर्ग,रायपुर,गरियाबंद,राजनांदगांव,बालोद,कांकेर,कोरिया,बेमेतरा,बिलासपुर,सरगुजा,बीजापुर,मुंगेली,कोरबा सहित समस्त जिलाशिक्षाधिकरियो मांग किया है की धमतरी जिला शिक्षाधिकारी की तरह ही सभी विकासखण्ड शिक्षाधिकारियों को एस. एल.ए. पहिली से आठवी तक पेपर मूल्यांकन कार्य मे सलंग्न समस्त शिक्षको को नियमानुसार आनुपातिक अर्जित अवकाश पात्रता सम्बन्धी स्पष्ट आदेश जारी किया जाय जिससे ग्रीष्म अवकाश के समय मूल्यांकन कार्य मे सलंग्न शिक्षको को अर्जित अवकाश का लाभ मिल सके।
बालोद व मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी का वह आदेश जिसमे 1 मई से जिले भर के स्कुलो में समर क्लास शुरू करने का आदेश दिया गया उसका शिक्षक भारी विरोध कर रहे है। शिक्षको की भड़ास सोशल मीडिया में दिखाई भी दे रही है। शिक्षक राज्य सरकार के उस आदेश को माने कि जिसमे एक मई से 15 जून तक ग्रीष्म कालीन अवकाश दिया गया है या फिर उस आदेश को जिसे बालोद व मुंगेली के जिला शिक्षा अधिकारी ने अनिवार्य किया है।
जहां पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी की स्थिति को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर कई जिलों के कलेक्टर शैक्षणिक सत्र समाप्त होने से पहले ही अवकाश घोषित कर चुके है वहीं बालोद व मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी का यह आदेश पूरी तरह समझ से परे है और साफ तौर पर दर्शाता है कि कई अधिकारी जमीनी हकीकत को समझे बगैर शिक्षा विभाग को प्रयोगशाला बनाने में तुले हुए हैं ।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रुपेन्द्र सिन्हा ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा हर आयाम को ध्यान में रखकर शैक्षणिक सत्र की रूपरेखा तैयार की जाती है, और उस निश्चित समय में अध्यापन व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न भी हो जाती है । छत्तीसगढ़ शाशन के पत्र दिनांक 03/05/2018 को दशहरा, दीपावली, शीत कालीन और ग्रीष्म कालीन अवकाश के बारे में स्पस्ट किया गया है।
प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश चंद कांगे ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश शासकीय शालाओं में ढंग से पंखे तक की व्यवस्था नहीं है और ऐसी भीषण गर्मी जिसमें कूलर,एसी भी ढंग से काम नहीं कर रहे हैं वैसी स्थिति में स्कूलों में बच्चों को बुलाना कितना नुकसानदेह हो सकता है इसका भी एक बार आकलन कर लेना चाहिए । ऐसे तुगलकी फरमानों को तत्काल प्रभाव से वापस लेना ही छात्र और शिक्षण जगत के हित में है ।
वहीं प्रदेशसचिव गिरीश साहू,प्रदेश प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व मीडिया प्रभारी मनोज चन्द्रा का कहना है कि पूर्व शिक्षा सत्रों में कक्षा 1से 8 तक के परिणाम 30 अप्रैल से पहले तक घोषित कर दिया जाता था। वहीं इस सत्र में इन कक्षाओं का परिणाम आज पर्यंत घोषित नहीं किया गया हैं। विभाग अपने लेटलतीफी और कमजोरीयों को छुपाने के लिए समर कैम्पों का बहाना बना कर तुगलकी फरमान जारी कर रहें है। जिससे शिक्षक विद्यालय तक बने रहे।
प्रदेश महिला अध्यक्ष उमा जाटव,प्रवक्ता गंगा पासी,बलविंदर कौर व नंदिनी देशमुख ने मई माह के भीषण गर्मी मे बच्चो के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत असर को देखते हुए तत्काल बालोद व मुंगेली जिला शिक्षाधिकारी द्वारा इस तुगलकी फरमान को वापस लेना चाहिए।
एस. एल.ए. पहिली से आठवीं पेपर मूल्यांकन के संबंध में नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत, उमा जाटव,गिरीश साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष रूपेन्द्र सिन्हा , राजेश शुक्ला,अजय कड़व, ब्रिज नारायण मिश्रा,अमित नामदेव, चन्द्रशेखर रात्रे, रमन शर्मा,मनोज चन्द्रा,गंगा पासी,नंदिनी देशमुख, बलविंदर कौर, लालमन पटेल ने छ.ग.राज्य के दुर्ग,रायपुर,गरियाबंद,राजनांदगांव,बालोद,कांकेर,कोरिया,बेमेतरा,बिलासपुर,सरगुजा,बीजापुर,मुंगेली,कोरबा सहित समस्त जिलाशिक्षाधिकरियो मांग किया है की धमतरी जिला शिक्षाधिकारी की तरह ही सभी विकासखण्ड शिक्षाधिकारियों को एस. एल.ए. पहिली से आठवी तक पेपर मूल्यांकन कार्य मे सलंग्न समस्त शिक्षको को नियमानुसार आनुपातिक अर्जित अवकाश पात्रता सम्बन्धी स्पष्ट आदेश जारी किया जाय जिससे ग्रीष्म अवकाश के समय मूल्यांकन कार्य मे सलंग्न शिक्षको को अर्जित अवकाश का लाभ मिल सके।
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